दो रिटायर्ड अ​धिकारियों का जलवा, खाद्य विभाग में चला रहे है ट्रांसफ़र पो​स्टिंग का व्यापार


रायपुर, 07 जनवरी 2024 । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ती निगम के संचालक की मनमानी का मामला सामने आया है। संचालक ने दो सेवानिवृत्त अ​धिकारियों की करीबी इतनी ज्यादा है कि दोनों के कहने पर ही एफओ और एफओं की सूची जारी करते हैं। ऐसा ही मामला रायपुर में भी देखने को मिला। यहां पर एक एफओ को हटाकर दूसरे एफओ को नियंत्रक का प्रभार दिया गया है। जबकि अरविंद दुबे जिन्हें खाद्य नियंत्रक का प्रभार दिया गया है उनका तबादला 9 अक्टूबर को जशपुर कर दिया गया था। हलांकि मामले में एफओ हाईकोर्ट के शरण में पहुंच गए थे। जिस पर शासन को फैसला लेना अभी शेष है। इसके बाद भी खुद संचालक ने नियम​ विरुद्ध रायपुर नियंत्रक केसी थारवानी को हटा दिया है। हकीकत में अभी पूरा खेल कस्टम मिलिंग का है। ​दोनों रिटायर्ड खाद्य अ​धिकारी का दखल अभी भी क​स्टम मिलिंग में मिलने वाले कमीशन पर है। उसके लिए वो हर जगह अपने चहेते अ​धिकारियों को बैठाकर काली कमाई करना चाहते हैं। विभाग में चर्चा यह भी है कि इसी कालीकमाई का लालच उन्होंने विभागीय मंत्री को भी दिया है।

संचालक ने सारे नियम दरकिनार करके जारी कर दिया आदेश
नियम यह है कि इस समय ट्रांसफ़र पर रोक लगी हुई है। बिना मुख्यमंत्री के अनुमोदन के नियंत्रक को पद से हटाया नहीं जा सकता। खाद्य संचालक को किसी भी खाद्य नियंत्रक को पद से हटाने का अ​धिकार नहीं है। लेकिन दोनों सेवानिवृत्त अ​धिकारी कांग्रेस सरकार में पूर्व खाद्य मंत्री के पीए से सेटिंग करके पूरे प्रदेश में खाद्य निरीक्षकों से लेकर नियंत्रकों का तबादला अपनी मर्जी से कराते थे। इसके बदले खाद्य अ​धिकारियों से बड़ा सौदा होता था। अब यह दोनों अ​धिकारी नए खाद्य मंत्री से करीबी बढ़ाकर अपना ट्रांसफ़र पो​​स्टिंग व्यापार चालने पर सफल हो गए हैं।

जिन्हें बनाया नियंत्रक उनपर खुद आरोप
प्रभारी खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे की एक मामले में स्टेशन रोड की एक दुकान फर्जी संस्था को देने की अनुशंसा करने ​शिकायत संचालक तक हो चुकी है। इसके बाद भी अब संचालक द्वारा दागी अफसर रायपुर का खाद्य नियंत्रक बना दिया गया।

ट्रांसफर पर बैन लगे होने के समय किसी जिले के अधिकारी की पोस्टिंग की प्रक्रिया…

माननीय मंत्री जी की नोटशीट जाती है ।
विभाग के सचिव उसको संचालक को भेजते हैं ।
संचालक टीप लिख कर वापस विभाग को ।
विभाग समरी बना कर मंत्री को भेजता है ।
मंत्री जी अनुमोदन कर CM को भेजते हैं ।
माननीय CM फिर ok कर CS सर को भेजते हैं ।
CS सर विभाग के सचिव को आदेश के लिए ।
सचिव आदेश के लिए अवर सचिव को भेजते हैं ।
अवर सचिव अंतिम आदेश जारी करते हैं ।


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