अब अस्पताल भी बंद कराएगा जलवायु परिवर्तन

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रायपुर, 3 दिसंबर 2023/   अस्पतालों पर एक नया खतरा मंडरा रहा है। और यह खतरा लाई है बदलती जलवायु। जी हाँ, सही पढ़ा। चरम मौसम की घटनाएँ अस्पतालों को बंद तक करा सकती हैं।दरअसल क्रॉस डिपेंडेंसी एनालिसिस (एक्सडीआई) द्वारा आज जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि दुनिया के तमाम देश फॉसिल फ्यूल एमिशन पर अंकुश लगाने में विफल रहते हैं, तो दुनिया भर में हर 12 अस्पतालों में से 1 पर जलवायु परिवर्तन के चलते होने वाली चरम मौसमी घटनाओं के कारण आंशिक या पूर्ण रूप से बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।इसके चलते होगा ये कि कम और मध्यम आय वाले देशों में तूफान, बाढ़, जंगल की आग और अन्य आपदाओं से प्रभावित समुदायों को आपातकालीन अस्पताल देखभाल से ठीक उसी समय वंचित होना पड़ सकता है जब उन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है । कम और मध्यम आय वाले देशों में जन समुदाय सबसे अधिक जोखिम जोखिम झेल रहा होता है।अपनी प्रतिक्रिया देते हुए क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव के विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशक डॉ. कार्ल मैलोन ने कहा, “जलवायु परिवर्तन पहले से ही दुनिया भर के लोगों के स्वास्थ्य पर तेजी से प्रभाव डाल रहा है। सोचिए क्या होगा जब गंभीर मौसम के कारण अस्पताल भी बंद होने लग जाएंगे? हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि फोस्सिल फ्यूल के प्रयोग पर तेज़ी से लगाम लगाए बिना, वैश्विक स्वास्थ्य के लिए जोखिम और भी बढ़ जाएंगे, क्योंकि हजारों अस्पताल चरम मौसम के दौरान सेवाएं देने में असमर्थ हो सकते हैं।”

XDI ग्लोबल हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

  • फॉसिल फ्यूल का तेजी से उपयोग बंद किए बिना, सदी के अंत तक दुनिया भर में हर 12अस्पतालों में से 1 को चरम मौसम की घटनाओं से पूर्ण या आंशिक रूप से बंद होने का उच्च जोखिम होगा।
  • ऐसे जोखिम झेल रहे हजारों अस्पतालों को अनुकूलन की आवश्यकता होगी। लेकिन इस सब में होने वाले भारी निवेश के बावजूद, कई लोगों के लिए स्थानांतरण ही एकमात्र विकल्प होगा।
  • 2100तक उच्च जोखिम के रूप में पहचाने गए 16,245अस्पतालों में से 71% (11,512) निम्न और मध्यम आय वाले देशों में थे।
  • फॉसिल फ्यूल को तेजी से समाप्त करने के साथ ग्लोबल वार्मिंग को 1.8डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने से हाई एमिशन परिदृश्य की तुलना में अस्पताल के बुनियादी ढांचे को नुकसान का जोखिम आधा हो जाएगा। यदि एमिशन अधिक है, तो सदी के अंत तक चरम मौसम से दुनिया भर के अस्पतालों को नुकसान होने का जोखिम चार गुना (311%) से अधिक बढ़ जाएगा। कम एमिशन परिदृश्य में, जोखिम में यह वृद्धि केवल 106% तक कम हो जाती है।
  • आज, दक्षिण पूर्व एशिया में दुनिया में चरम मौसम की घटनाओं से क्षति के उच्च जोखिम वाले अस्पतालों का प्रतिशत सबसे अधिक है। उच्च उत्सर्जन के कारण, सदी के अंत तक दक्षिण पूर्व एशिया में लगभग 5में से 1 अस्पताल (18.4%) पूर्ण या आंशिक रूप से बंद होने के उच्च जोखिम में होगा।

  • दक्षिण एशिया में जोखिम वाले अस्पतालों की संख्या सबसे अधिक है, जो उच्च जनसंख्या को दर्शाता है। यदि उत्सर्जन अधिक हुआ तो 2050तक, दुनिया के सभी सबसे अधिक जोखिम वाले अस्पतालों (3,357) में से एक तिहाई दक्षिण एशिया में होंगे। 2100 तक यह बढ़कर 5,894 हो सकती है।
  • समुद्र तट पर और नदियों के पास स्थित अस्पतालों को सबसे अधिक खतरा है। आज, नदी और सतही जल बाढ़ से अस्पतालों को नुकसान होने का खतरा हावी है। सदी के अंत में, तटीय बाढ़ तेजी से बढ़ती है (समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण और अधिक बढ़ जाती है) और 2100तक नदी में बाढ़ के बाद सबसे महत्वपूर्ण खतरा बन जाती है।

बात भारत की

भारत में, चरम मौसम की घटनाओं के कारण बंद होने के उच्च जोखिम वाले अस्पतालों का अनुपात 2050 तक 5.7% होगा, और यदि एमिशन अधिक हुआ तो सदी के अंत तक लगभग 10 में से 1 (9.6%) अस्पताल प्रभावित होगा।

भारत साल 2100 तक चरम मौसम की घटनाओं से क्षति के जोखिम वाले सबसे अधिक अस्पतालों वाला देश होगा, जिसमें 5,120 अस्पताल उच्च जोखिम में होंगे। भारत में विश्लेषण किए गए अस्पतालों की संख्या 53,473 थी, जो अध्ययन में शामिल 50 देशों में सबसे अधिक है। 13,596 अस्पतालों के साथ रूस दूसरे स्थान पर था।

डॉ कार्ल मैलोन ने कहा, “अस्पतालों के लिए इस जोखिम को नाटकीय रूप से कम करने और समुदायों को सुरक्षित रखने के लिए सबसे स्पष्ट बात एमिशन को कम करना है।”

क्या है 2023 XDI ग्लोबल हॉस्पिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट

यह रिपोर्ट विश्लेषण करती है कि निरंतर एमिशन दुनिया भर के 200,000 से अधिक अस्पतालों की छह जलवायु परिवर्तन खतरों के प्रति संवेदनशीलता को कैसे प्रभावित करेगा: तटीय बाढ़, नदी में बाढ़, सतही जल में बाढ़, जंगल की आग, अत्यधिक हवा और चक्रवाती हवा। विश्लेषण भवन संरचनाओं को होने वाली भौतिक क्षति पर ध्यान केंद्रित करता है, और गणना करता है कि विभिन्न एमिशन परिदृश्य जोखिम को कैसे कम कर सकते हैं। इसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित COP28 संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में उद्घाटन स्वास्थ्य दिवस से पहले प्रकाशित किया जा रहा है।

अंत में डॉ मैलोन ने कहा, “महत्वपूर्ण सेवाओं की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करना सरकारों का कर्तव्य है। व्यक्तिगत सरकारों के लिए इस जानकारी पर कार्रवाई नहीं करना, या वैश्विक समुदाय के लिए जरूरतमंद सरकारों का समर्थन नहीं करना, अपने नागरिकों की भलाई के लिए एक घोर उपेक्षा है।”


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