रायपुर 14 अगस्त 2023/
विहंगम योग का ध्यान आंतरिक शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। एक साधक जब सिद्धासन में बैठकर अपनी चेतना को गुरु उपदिष्ट भूमि पर केंद्रित करता है तो वह मानसिक व आत्मिक शांति का अनुभव करता है।
उक्त उद्गार स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने संकल्प यात्रा के क्रम में धमतरी के कृषि उपज मंडी भखारा में आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मध्य व्यक्त किये।
सन्त प्रवर श्री ने बताया कि ब्रह्मांड की ध्वनि है ॐ। जो सर्वत्र गुंजायमान है। ये ध्वनि हमारे मन मस्तिष्क को प्रकाशित कर रही है। हम सबको प्रतिदिन ईश्वर के पवित्र वाचक नाम ॐ का उच्चारण करना चाहिए। नित्य प्रति का अभ्यास हमे आंतरिक शांति का अनुभव कराता है।
महाराज जी ने कहा कि मानव जीवन सुख और दुख को भोगने के लिए नही मिला, यह तो परम आनंद की प्राप्ति हो जाय इसीलिए जीवन मिला है।
उन्होंने कहा कि दु:खियों का दुःख कैसे कम हो, पीड़ितों की पीड़ा कैसे कम हो, सबको सुख मिले, सबको शांति मिले ऐसा चिंतन करने वाला जो योगी है ; वही देश, समाज, राष्ट्र के लिए उपयोगी है।
संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को विहंगम योग के क्रियात्मक योग साधना को सिखाया। कहा कि *यह साधना खुद से खुद की दूरी मिटाने के लिए है।*
संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज की दिव्यवाणी जय स्वर्वेद कथा के रूप में लगभग 2 घंटे तक प्रवाहित हुई । स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
दिव्यवाणी के पश्चात मुख्य आगंतुकों को संत प्रवर जी के हाथों विहंगम योग का प्रधान सद्ग्रन्थ स्वर्वेद भेंट किया गया।
आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग सन्त समाज के शताब्दी समारम्भ महोत्सव एवं 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज 17 जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है। संकल्प यात्रा के प्रथम चरण में कश्मीर , जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , उड़ीसा के पश्चात छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज, अम्बिकापुर, बिलासपुर, नवापारा, सरायपाली, बालोद होते हुए आज धमतरी में पहुँच चुकी है।
17 एवं 18दिसंबर 2023 को विशालतम ध्यान – साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह संकल्प यात्रा हो रही है जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारत वर्ष में लाभ मिले।
इस शताब्दी समारम्भ महोत्सव में विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सदगुरू सदाफल देव जी महाराज की 135 फिट से भी ऊंची प्रतिमा (Statue of Spirituality) का भी शिलान्यास होगा।
अवसर पर भक्तों ने भव्य विहंगम शोभायात्रा निकाली। अनुयायियों ने संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज का स्वागत अभिनंदन किया। हजारों लोगों ने हाथ मे अ अंकित श्वेत ध्वजा लिए सदगुरुदेव का जयघोष करते हुए, हम सबका संकल्प महान ! स्वर्वेद महामन्दिर निर्माण !! का संकल्प दोहराते हुए कार्यक्रम स्थल पहुँचे।
इस अवसर पर बबन सिंह ( निदेशक), कोटेश्वर चापड़ी उपाध्यक्ष, सुश्री श्याम कुमारी उसेंडी , दिनेश सिंह, आर एन साहू, पुरुषोत्तम सपहा, सत्येंद्र स्वर्वेदी आदि लोग उपस्थित रहे।
Leave a Reply