सेक्टर अधिकारी मतदान का कार्य गंभीरता से पूर्ण कराएं: कलेक्टर डॉ भुरे

उन्होंने कहा कि सेक्टर अधिकारी पीठासीन अधिकारी और निर्वाचन अधिकारी के मध्य कड़ी होता है। यह भारत निर्वाचन आयोग जिला निर्वाचन अधिकारी और रिटर्निंग अधिकारी की ऑख और कान है। सेक्टर अधिकारी अपने प्रभार क्षेत्र के मतदाताओं विशेषकर अति संवेदनशील मतदान केन्द्र के मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग की भूमिका निभाता है। कलेक्टर ने कहा कि 1 सेक्टर में 10 से 12 बूथ है उसमें चुनाव शान्ति पूर्ण ढंग से करवाना सुनिश्चित करे। सेक्टर अधिकारी के अधीन सेक्टर का कम से कम तीन बार भ्रमण करें। साथ ही एक रूट चार्ट बना ले। वलनेरेबिलिटि बूथ की पहचान करे और आकलन कर प्रतिवेदन दे। इसके लिए पूर्व में संबंधित क्षेत्र में घटनाओं, मतदान केंद्र की स्थिति आदि का अध्ययन करलें। उन्होंने कहा कि सभी सम्बंधित अधिकारियों का नम्बर रखें, निरन्तर सम्पर्क रखें।
कलेक्टर ने कहा मतदान का शुरुआत के और अंत के समय महत्वपूर्ण होते है, उस समय सावधानी भी रखें। उन्होंने कहा कि विभागीय बैठकों या फिल्ड में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रम के दौरान भी सभी विभाग मतदाता जागरूकता फोरम के माध्यम से शत प्रतिशत मतदान करने हेतु लोगों को प्रेरित करने के लिए निर्देश दिए गए। इसके साथ-साथ विभाग के सभी कर्मचारी व उनके परिवारों को अपने मताधिकार का प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा, कम मतदान वाले क्षेत्रों की पहचान कर इन क्षेत्रों में टीम बनाकर सघन प्रचार अभियान चलाने हेतु प्रेरित किया गया, ताकि इन क्षेत्रों में मतदान के प्रतिशत में वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। बैठक में एडीएम (ADM) अर्थात जोड़ना (addition), हटाना (deletion), संशोधित (modified) करने के लिए फार्म 6,7, 8 भरवाने एवं लोगों में अधिक से अधिक मतदाता जागरुकता लाने को कहा गया। उल्लेखनीय है कि जिले मे कुल मतदान केन्द्र 1 हजार 869 है, जिनमें 147 सेक्टर हैं। इसके अलावा 9 सेक्टर रिजर्व हैं। बैठक में विभिन्न सेक्टर अधिकारी उपस्थित थे।