एनआईटी रायपुर ने टेस्टिंग ऑफ़ सीमेंट एंड कंक्रीट फॉर बिल्डिंग एंड रोड ऍप्लिकेशन्स” पर एक सप्ताह के व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ उद्घाटन

0

रायपुर, दि. 25 जुलाई   2023:- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग ने 24 जुलाई 2023 को “टेस्टिंग ऑफ़ सीमेंट एंड कंक्रीट फॉर बिल्डिंग एंड रोड ऍप्लिकेशन्स” पर एक हैंड्स ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव हैं ,डीन (रिसर्च एंड कंसल्टेंसी) डॉ. प्रभात दीवान संयोजक, और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर,डॉ. जी.डी. रामटेक्कर कार्यक्रम के सह संयोजक हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. एस.वी.देव, और सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मीना मुर्मू हैं ,सह-समन्वयक सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सनी देयोल जी. हैं । यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिड़ला ग्रुप द्वारा सह-प्रायोजित होगा ।इसका उद्देश्य सिविल इंजीनियरिंग, कंक्रीट प्रौद्योगिकी और राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली प्रयोगशाला और क्षेत्र परीक्षणों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। प्रतिभागियों को कंक्रीट प्रौद्योगिकी और राजमार्ग इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक उपकरणों का अनुभव प्राप्त होगा।

उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. प्रभात दीवान और विशिष्ट अतिथि डॉ. जी. डी. रामटेक्कर रहे । समारोह की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। डॉ. एस. वी. देव ने उद्घाटन समारोह में गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कार्यक्रम के महत्व के बारे में जानकारी दी और इसमें शामिल किए जाने वाले विषयों का विवरण दिया। डॉ. जी. डी. रामटेक्कर ने उपस्थित लोगों को उत्तम परीक्षण के अभाव में होने वाली लापरवाही के चलते कंक्रीट की बर्बादी के बारे में बताया। उन्होंने कंक्रीट बनाने की प्रक्रिया की सरलता के बारे में जानकारी दी और बताया कि कैसे इसे अक्सर हल्के में ले लिया जाता है, जिससे पदार्थ की गुणवत्ता से समझौता हो जाता है। डॉ. दीवान ने एक प्रासंगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सिविल इंजीनियरिंग विभाग को बधाई दी। उन्होंने विषय की व्यवहार्यता के बारे में बताया और कहा कि यह भूविज्ञान के क्षेत्र में भी कैसे प्रासंगिक है और उपस्थित लोगों को कुछ महत्वपूर्ण परीक्षणों से परिचित कराया। उन्होंने इंजीनियरिंग सामग्रियों के कुशल परीक्षण में आधुनिक प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सनी देयोल जी. ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें