मुस्लिम व ईसाई नहीं,आरक्षण विरोधी है यूनिफार्म सिविल कोड: वामन मेश्राम
रायपुर, 5 जुलाई 2023 । भारत मुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने देवेंद्र नगर स्थित डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर सांस्कृतिक भवन में पार्टी व अनुसांगिक संगठनों के जुड़े पदाधिकारियों के साथ बामसेफ के राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे श्री मेश्राम की अध्यक्षता में 2 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में बामसेफ,राष्ट्रीय मूल निवासी संघ, बहुजन क्रांति मोर्चा तथा भारत मुक्ति मोर्चा सहित अनुसांगिक संघटनाओं के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया गया। आगामी 20 अगस्त 2023 को रायपुर में होने जा रहे बामसेफ के 18 वें राज्य अधिवेशन की तैयारी के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए।
भारत मुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने पत्रकारों से चर्चा के करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के पास 9 सालों के कार्यकाल में कोई भी ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसको लेकर आगामी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाएं और चुनाव जीत सकें। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा चुनाव से पहले यूसीसी मुद्दा उछालकर हिंदू- मुस्लिम का ध्रुवीकरण करके सत्ता हासिल करना चाहती है। जनता के सवालों से बचने के लिए मोदी सरकार यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) का बिल लेकर आयी है। यह बिल पास हो, इसकी कोई गारंटी भी नहीं है। इसके लिए राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत भी चाहिए जो भाजपा के पास नहीं है। यूसीसी को लेकर भारत मुक्ति मोर्चा अपने सहयोगी संगठन राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के समर्थन में आगामी 7 अगस्त को भारत बंद करने जा रही है। श्री मेश्राम ने कहा कि भाजपा राममंदिर के मुद्दे पर दो बार चुनावी फसल काट चुकी है,अब यह मुद्दा चलने वाली नहीं है। इसलिए भाजपा यूसीसी का मुद्दा उठा रहा है।
छत्तीसगढ़ में क्रिश्चन बनने वाले आदिवासियों को एसटी के आरक्षण से बंचित करने डिलिस्टिंग का मामला उठाया जा रहा है। यह मुद्दा ईसाई बनने वाले आदिवासियों से जुड़ा हुआ है जो कि आदिवासियों को आदिवासियों से ही लड़ाने की साजिश है। आदिवासी कभी बीजेपी के साथ नहीं रहे हैं । यूनिफार्म सिविल कोड समान नागरिक संहिता पर आधारित है। यह लागू होने के बाद भाजपा एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के आरक्षण को खत्म करने की योजना बना रही है। यूसीसी बिल पूरी तरह से आरक्षण विरोधी कानून है।
यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर श्री मेश्राम ने कहा कि यह पूरी तरह बहुजन समाज के लिए घातक साबित होगा । आरएसएस व भाजपा के लोग कहते हैं कि यह मुस्लिम व इसाई विरोधी है। जबकि यह एससी, एसटी व ओबीसी समाज के अधिकारों की विरोधी है। श्री मेश्राम ने कहा कि हमें आरक्षण हिंदू होने से नहीं मिलता बल्कि एससी व एसटी होने से संविधान प्रदत्त अधिकारों से आरक्षण मिलता है।
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए श्री मेश्राम ने कहा कि मूलनिवासी बहुजनों के सामने आज पाखंड व देवी देवताओं का मुद्दा मुख्य नहीं है। देशभर में एससी, एसटी व ओबीसी समुदाय से जुड़े मुद्दे सहित जातिवाद, वर्ण व्यवस्था, अस्पृश्यता, महिलाओं शोषण व शुद्रत्व की समस्या ही मौलिक समस्या है। इसका उपचार संगठित शक्ति निर्माण कर संविधान प्रदत्त अधिकारों को हासिल करने से ही होगा । जिससे बहुजन समाज में संवैधानिक शक्ति सृजित होगी। श्री मेश्राम ने कहा कि लोगों को वैचारिक रुप से जागृत करने का कार्य कर बामसेफ सहित कई संगठन कर रहे हैं। इसके लिए हमारे संगठन को 6 लाख गांवों तक टाइम बाँड कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक का संकल्प निर्धारित कर लोगों को जागरण करने का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठित शक्ति जितनी जनसमुदाय जल्दी तैयार होगी, उतनी ही तेजी से सड़क पर आंदोलन सफल हो सकेंगे ।
ओबीसी की जाति आधारित जनगणना राष्ट्रीय मुद्दा है। इसके लिए देशव्यापी जागरण करने का आंदोलन किया जाएगा। ओबीसी की जनगणना के मुद्दे को लेकर भारत बंद करेंगे। राज्य में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण और जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस व भाजपा छलावा कर रही है।
श्री मेश्राम ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टी बहुजन समाज पर अत्याचार करने वाली है। 8 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है ईवीएम से निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकते। यह खबर मीडिया से पूरी तरह गायब रही। ईवीएम मशीन को तीन जजों का पेनल उनके डिजाईन को अप्रुवल करे तब ईवीएम से चुनाव मान्य होगा।
श्री मेश्राम ने छत्तीसगढ़ में आगामी विधान सभा चुनाव 2023 में अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतारने को लेकर कहा कि उनकी पार्टी के प्रदेश ईकाई से राय मशविरा लेने के बाद चुनावी घोषणा पत्र तैयार कर जनता के बीच जाएगी। चुनाव में छत्तीसगढ़ से जुड़े स्थानीय मुद्दे प्रमुख रुप से होंगे। छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य होने के बावजूद यहां पर संविधान की पांचवी और छटवी अनुसूची को लागू नहीं किए जाने के मुद्दे पर भारत मुक्ति मोर्चा आंदोलन चलाएगी। छत्तीसगढ़ का गठन ही आदिवासियों के हितों के लिए किया गया है, उनकी पार्टी प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन करती है।
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