नीतीश कुमार के राज में जान बचाने वाली लाखों की दवाएं एक्सपायरी से 6 महीने पहले कूड़ेदान में

0

नई दिल्ली,17 मई 2023/  हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है और दवा को अमृत की संज्ञा. ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर और दवा ही मिलकर मरीज की जान बचाते हैं. मरीज की सेहत कैसी भी हो डॉक्टर से उम्मीद होती है कि वह उसकी जान बचा लेंगे. इसी तरह से लगता है कि एक बार दवा मिल जाए तो बीमारी छूमंतर हो जाएगी. लेकिन कई बार धरती के भगवान ऐसा कोई फैसला कर लेते हैं, जिसके बाद उन्हें भगवान तो छोड़ों इंसान कहने का भी मन नहीं करता. जब बात मरीजों की देखरेख और उन्हें दवाएं देने की बात आती है तो उसमें एक अहम भूमिका स्वास्थ्य विभाग की भी होती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ही जब लापरवाही करे तो फिर मरीज की जान कौन बचाए.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *