बृजभूषण शरण सिंह के साथियों पर भी एक्शन, IOA ने WFI के काम-काज से रोका
नई दिल्लीः पहलवानों के प्रदर्शन की आंच झेल रही भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के सभी अधिकारियों को उनके काम-काज से रोक दिया गया है. फेडरेशन के चुनाव से ठीक पहले भारतीय ओलिंपिक संघ ने मौजूदा अधिकारियों को किसी भी तरह के फैसलों या गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेने का आदेश दिया है. आईओए ने कुछ ही दिन पहले फेडरेशन के रोजाना के काम-काज और आने वाले चुनावों को सम्पन्न कराने के लिए एक एड-हॉक कमेटी का गठन किया था, जो फिलहाल फेडरेशन की जिम्मेदारी संभालेगी.
जनवरी 2023 में पहली बार रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के ओलिपंक और वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट पहलवानों ने मोर्चा खोला था. इसके बाद ही खेल मंत्रालय और ओलिंपिक संघ ने अलग-अलग जांच कमेटियों का गठन किया था. उस वक्त ही बृजभूषण शरण सिंह को जांच पूरी होने तक फेडरेशन के काम-काज से दूर रहने के लिए कहा था. इसके बाद से ही वह फेडरेशन से अलग थे.
IOA ने लिया एक्शन
हालांकि, पिछले महीने पहलवानों ने फिर से प्रदर्शन शुरू कर बृजभूषण के खिलाफ एक्शन की मांग की और इसके बाद ही ओलिंपिक संघ ने खेल मंत्रालय के आदेश पर एक एड-हॉक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी को काम-काज संभालने और चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई.
अब ओलिंपिक संघ ने रेसलिंग फेडरेशन को एक पत्र लिखकर आदेश दिया है कि महासचिव समेत कोई भी अधिकारी, जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है, वो किसी तरह के प्रशासनिक या वित्तीय मामलों में हिस्सा नहीं लेंगे और अपने काम से जुड़े दस्तावेज एड-हॉक पैनल को सौंपें.
यानी बृजभूषण शरण सिंह पर तो पहले ही रो लगी थी लेकिन अब उनके साथ चुने गए बाकी अधिकारी भी किसी तरह का काम नहीं कर सकेंगे. एड-हॉक कमेटी को 45 दिनों के अंदर फेडरेशन में चुनाव करवाने का आदेश दिया गया है.
बृजभूषण पर FIR
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे भारत के दिग्गज पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उनकी शिकायत और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने ही दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं. हाल ही में इसमें से एक मामले में मजिस्ट्रेट के सामने नाबालिग महिला पहलवान का बयान भी रिकॉर्ड किया गया था.