नई दिल्ली / अडानी ग्रुप की दो कंपनियों अडानी ट्रांसमिशन और अडानी इंटरप्राइजेज को क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के माध्यम से नए इक्विटी फंड जारी करने की मंजूरी मिल गई है. कंपनी के निदेशक मंडल ने शनिवार को निर्धारित बोर्ड बैठक में फंड जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया और उसे मंजूरी दे दी. अडानी ट्रांसमिशन 8,500 करोड़ रुपए और अडानी एंटरप्राइजेज 12,500 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है.
अडानी ग्रुप को इस धन जुटाने से ग्रुप को अपने कर्ज चुकाने में मदद मिलने की उम्मीद है. हालांकि, धन उगाही तब होती है जब ग्रुप सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल और मार्केट रेग्युलेटर सेबी द्वारा चल रही जांच के बीच में होता है. अडानी ट्रांसमिशन बोर्ड ने क्यूआईपी के जरिए 8,500 करोड़ रुपए जुटाने को मंजूरी दे दी है.
अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन ने घोषणा की है कि वे क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के माध्यम से कुल 21,000 करोड़ रुपए की धनराशि जुटाएंगे. जबकि अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि वह 12,500 करोड़ रुपए जुटाएगी, अडानी ट्रांसमिशन 8,500 करोड़ रुपए जुटाएगा. दोनों कंपनियों ने बोर्ड मीटिंग के बाद अलग-अलग रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा कि फंड जुटाने की कवायद क्यूआईपी या अन्य अनुमेय मोड के माध्यम से शेयर और/या अन्य पात्र सिक्योरिटीज जारी करके आयोजित की जाएगी.
धन जुटाने से निवेशकों के बीच बढ़ेगा विश्वास
अडानी ग्रुप को उम्मीद है कि धन जुटाने से ग्रुप की अपने कर्ज की सेवा करने की क्षमता की चिंता कम हो जाएगी और निवेशकों के बीच कुछ विश्वास पैदा करने में मदद मिलेगी. यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ग्रुप द्वारा लगाए गए आरोपों ने निवेशकों के विश्वास को चोट पहुंचाई है और शेयर की कीमतों को नीचे गिरा दिया है, लेकिन अरबपति गौतम अडानी ने जोर देकर कहा था कि ग्रुप की व्यावसायिक योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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