हिंडनबर्ग-अडानी विवाद: बहुत पेचीदा मामला है सेबी ने जांच के लिए कोर्ट से मांगा और समय

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नई दिल्ली , 29 अप्रैल 2023 /
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) पर लगे आरोपों की जांच को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और छह महीने का समय मांगा है। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में छेड़छाड़ करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस पर काफी हंगामा मचा था। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को दो महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था। इसकी डेडलाइन दो मई को खत्म हो रही है। सेबी ने इस जांच को पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कम से कम छह महीने का और समय मांगा है। शनिवार को मार्केट रेगुलेटर ने इस बारे में कोर्ट से अनुरोध किया।

सेबी ने कोर्ट से कहा कि इस तरह के संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की जांच के लिए उसे कम से कम 15 महीने का समय लगता है लेकिन उसकी कोशिश इसे छह महीने में पूरा करने की रहेगी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जिन 12 संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की बात कही गई है, वे पहली नजर में काफी कॉम्प्लैक्स लगती हैं। इनकी गहराई से जांच की जरूरत है। इसलिए सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से जांच के लिए कम से कम छह महीने और समय देने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में एक छह सदस्यीय पैनल का भी गठन किया था। इसे देश के इनवेस्टर प्रोटेक्शन फ्रेमवर्क की जांच करने को कहा गया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई थी। इस बारे में एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह कमेटी बनाई थी।


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