भोपाल में शुरू हुई यूनेस्को सब रीजनल कॉन्फ्रेंस

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भोपाल ,16 अप्रैल 2023 /
सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण, विकास और भविष्य की चुनौतियों पर मंथन करने यूनेस्को के दो दिवसीय उप-क्षेत्रीय सम्मेलन (सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस) की शुरूआत सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में हुई। राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री विनोद गोंटिया ने विभिन्न देश से आए प्रतिनिधियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। श्री गोंटिया ने कहा कि सभी देशों के पारस्परिक सांस्कृतिक समन्वय से धरोहरों के संरक्षण और विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा। इससे सभी देशों में पर्यटन के साथ आर्थिक विकास होगा और देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

यूनेस्को नई दिल्ली के ऑफिस-इन-चार्ज श्री हिचकील देलमिनी कॉन्फ्रेंस से वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विरासतों के संरक्षण एवं विकास के लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण है, जो विभिन्न देशों के विचारों का आदान-प्रदान करेगा। सभी देश, एक-दूसरे के नवाचारों से प्रेरणा लेते हैं।

यूनेस्को नई दिल्ली की संस्कृति प्रमुख सुश्री जूनी हान ने वर्ल्ड हेरिटेज कन्वेंशन के 50 साल पूरे होने पर यूनेस्को की विरासत संरक्षण की पिछले 50 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने समावेशी, जन-केंद्रित और समग्र दृष्टिकोण वाली सांस्कृतिक विरासत की अवधारणा पर चर्चा की।

प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को सहेजने के लिए सतत प्रयास कर रहा है। प्रदेश में 3 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल खजुराहो, भीमबेटका और साँची स्तूप है। साथ ही मांडू, ओरछा, सतपुड़ा नेशनल पार्क और भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट को संभावित सूची में सम्मिलित किया गया है, जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है। श्री शुक्ला ने सम्मेलन की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए सभी डेलिगेट्स का आत्मीय स्वागत किया। आयुक्त पुरातत्व श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।


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