आज भागवत कथा के दूसरे दिन भाई श्री रमेश भाई ओझाजी ने बताया पुराण पुराने हैं पुरा अपि नवम।

0

रायपुर 11 अप्रैल 2023/
जैसे पानी पुराना है पर प्यास तात्कालिक हो सकती है। जिज्ञासा और प्रश्नों का कोई मज़हब नहीं होता, इस पुराने ग्रथों से हम आज के प्रश्नों का समाधान पा सकते हैं।
श्रीमद्भागवत पुराणों का सम्राट है सनातन धर्म के मुकुट के समान है।
भागवत, रामायण सभी ग्रन्थों का आरम्भ प्रश्न से होता है , प्रश्न का अर्थ ही है अज्ञानता का ज्ञान। अँधेरे में नही दिखता पर अँधेरा तो दिखता है न, इसका अर्थ है आँखों का प्रकाश अँधेरे का ज्ञान देता है इसी तरह अज्ञानता का भान अंतस का प्रकाश देता है। प्रश्न पूछने का तातपर्य है अपने अज्ञान का स्वीकार्य। ये बहुत बड़ा साहस है।

भा से प्रकाश, ग से ज्ञान, व से वैराग्य, त से से त्याग । नश्वर को छोड़ने की प्रक्रिया भागवत है। धन सम्पत्ति अर्जित करना आसान है पर समय आने पर उसका त्याग करना ही ज्ञान है। हम अकेले ही आये हैं और अकेले जाएंगे। कोरोना एक तरह से ईश्वर की करुणा रही जिसमे हमे जीवन की क्षणभंगुरता का पता चला।


उन्होंने बताया कि भक्ति के दो पुत्र ज्ञान और वैराग्य मूर्छित सोए हुए थे भक्ति ने नारद जी से उनके जागने का उपाय पूछा। नारद जी ने सनत कुमारों से यही बात पूछी उन्हीने बताया श्रीमद्भागवत गीता ही घर घर मे ज्ञान और वैराग्य को जगाने का मार्ग है। भागवत वेद उपनिषदों का सार है इसलिए उसमे जो सामर्थ्य है वो किसी मे नहीं। अंततः नारद जी यजमान बने और सभी सनत कुमार कथावाचक। गंगा तट पर जैसे ही कथा शुरू हुई ,यमुना तट पर ज्ञान वैराग्य जाग गए।सारा जनसमूह, वेद उपनिषद , तीर्थ सभी कथा के श्रवण के लिए गंगातट आ गए वृद्ध ज्ञान वैराग्य तरुण हो गए। कथास्थल में भक्ति को हर श्रवनकर्ता के हृदय में विराजने के लिए कहा गया । आज नरसिंह अवतार प्राकट्य और वामन अवतार का मंचन और वर्णन किया गया।
आज छत्तीसगढ़ सर्व गुजराती समाज के अध्यक्ष प्रीतेश गाँधी और लोकेश कावडिया जी, पार्षद अमर बंसल जी सहित रायपुरवासी औऱ यजमान परिवार पुरोहित परिवार, मिरानी परिवार औऱ टांक परिवार के सभी सदस्य उपस्थित थे। भाई श्री ने उन सभी भक्तों का भी अभिनंदन किया जो गुजरातीभाषी न होकर भी कथा श्रवण के लिये आये थे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *