आज भागवतकथा के पहले दिन रमेश भाई ओझा जी के सम्मान और दीप प्रज्ज्वलन के बाद कथा प्रारम्भ

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रायपुर 11 अप्रैल 2023/
कथा के आरम्भ से पहले भाई श्री ने भागवत के अस्तित्व का वर्णन करते हुए बताया ।भागवत क्या है, कृष्ण द्वारा दिये गए ज्ञान को काव्यात्मक रूप है पर है तो ज्ञान। परन्तु जब धर्म ग्रन्थों के अर्थ का अनर्थ कर दिया जाए तो धार्मिक क्लेश होता है ,हमे उन ग्रन्थों का सही अर्थ समझना होगा।
व्यास पीठ की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा नमोस्तुते व्यास विशाल बुद्धि। व्यास पीठ पर विराजमान संत को विशाल हृदय होना चाहिए। संकीर्ण मन से वह आपका मार्गदर्शक नहीं बन सकता।
व्यास पीठ विशाल हृदय है सभी धर्मों को मानता है कि ये उस परमपिता को पाने का मार्ग है।
धर्मग्रन्थ उस मार्ग के विषय मे सारी जानकारी देने का माध्यम है और सारे पुराण पंचम वेद रूपी है।
धार्मिक असहिष्णुता पर भी चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा सब तरह की बेवकूफियों में धार्मिक बेवकूफी सबसे बुरी है। हम छोटे विवादों में न उलझें। व्यास पीठ केवल एक धर्म नहीं हर धर्म की मार्गदर्शक है। कभी कभार ये माँ की तरह डाँटती फटकारती भी है, अपनी संतान को सही राह दिखाने के लिए।
जब किसी राष्ट्र की संस्कृति रूपी सीता का हरण हो रहा हो तो राष्ट्र ललकारता है वहीं अगर सब ठीक चल रहा हो तो राष्ट्र नम्रता में आनंद करता है।
भाई श्री ने बताया
द्वेष क्रोध से खतरनाक है, माँ क्रोध करती है गुरु करता है भगवान भी करते हैं।पर द्वेष नहीं क्योंकि क्रोध कल्याणकारी होता है।


महापुरुषों के मुख से श्रवण करते करते श्रद्धा आ जायेगी। श्रद्धा नहीं है तब भी श्रवण करो मन लगाकर सुनो। क्योकि श्रद्धा से भक्ति उत्पन्न होगी तर्क से धर्मज्ञान नही पाया जा सकता, क्योकि ये तर्क तुम्हे जानने नहीं देगा। खुले दिमाग और दिल से ये ज्ञान मिल सकता है। नम्रता के आसन पर ये सीखा जा सकता है।
विज्ञान में आपको तर्क की ज़रूरत पड़ेगी। रिसर्च नही हो पाएंगे पर जब सत्संग की बात हो तो न तर्क न अभिमान।
भगवान के सामने दीनता शोभा देती है पर संसार के सामने नहीं।
संसार के दुखों से पार पाना हो तो उस ज्ञान तत्व की अनुभूति करना होगा। ये अनुभूति ही सबसे बड़ा सुख है।
आज प्रथम दिवस महापौर श्री एजाज़ ढेबर भी उपस्थित रहे उन्होंने भाई श्री का सम्मान माल्यार्पण करके किया और कथा श्रवण भी किया। आज पहले दिन सुबह शोभायात्रा के साथ शुरू हुआ ये ज्ञान यज्ञ पंद्रह अप्रैल तक होगा रायपुर और समस्त प्रदेश से गुजराती समाज के समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इंडोर स्टेडियम खचाखच भरा रहा।


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