श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में आयोजित हुई “ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी

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रायपुर 23 मार्च 2023/

रायपुर।। श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया” विषय पर 20-21 मार्च 2023 को आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सामाज कार्य विभाग और पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के तत्वावधान में किया गया, जो इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित है। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के बारे में कार्यक्रम संयोजक डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ट्रांसजेंडर लोग समाज में अनेक प्रकार के समस्याओं का सामना करते हैं जिसके प्रति समाज में लोगो को जागृत करना है। राष्ट्रीय संगोष्ठी 17 राज्यों से लगभग 150 लोगों ने अपनी प्रतिभागिता दर्ज़ कराई। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में पाँच पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसमें से दो राष्ट्रीय संगोष्ठी से संबंधित है और तीन पुस्तकें विश्वविद्यालय के सामाज कार्य विभाग और पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के शिक्षकों द्वारा अलग अलग विषय पर लिखी गई हैं।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रथम दिवस में श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई के कुलपति प्रो. डॉ. सदानंद शाही व द्वितीय दिवस में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति, डाॅ. बलदेव भाई शर्मा उपस्थित रहे। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी पर वक्ता के तौर पर मातृ-सेवा संघ सामाजिक कार्य संस्थान, नागपुर, महाराष्ट्र के ओफ्फिशिएटिंग प्रिंसिपल प्रो. केशव माणिक वाल्के, सक्षम प्रकृति वेलफेयर सोसायटी (ट्रांसजेंडर), चंडीगढ़- पंजाब के अध्यक्ष धनंजय चौहान, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (प्रयागराज केंद्र) से. डॉ. शरद जायसवाल, सीडीएस, केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात, गांधीनगर से डॉ. नरेश कुमार, आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग, झारखंड से डॉ. राज कुमार, सचिव मितवा संकल्प समिति (ट्रांसजेंडर), ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की सदस्य रवीना बरिहा, अध्यक्ष, मितवा संकल्प समिति (ट्रांसजेंडर),रायपुर, छत्तीसगढ़ से विद्या राजपूत, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से डॉ. डिसेंट कुमार साहू, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, धमतरी से डॉ. मुकेश कुमार, साझेदारी, पीटेंशियल नागपुर, महाराष्ट्र एनजीओ के प्रमुख श्री प्रेरणा बथारी, (ऑनलाइन) फिलाडेल्फिया,पीए, संयुक्त राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन स्टार्लिंग शामिल हुए।

राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ राज्यगीत के साथ किया गया तत्प्श्चात विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. सिंह ने संगोष्ठी को सम्बोधित किया और उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के सामाज कार्य विभाग और पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग को संगोष्ठी के आयोजन के लिए शुभकामनाएं भी दी। साथ ही आज के दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने महाभारत के वक्त का उदहारण देते हुए बताया की भगवान राम को राज्य से निकाल दिया गया था और उन्हें 14 साल जंगल में बिताने के लिए कहा गया था। उनके अनुयायियों ने जंगल में उनका पीछा किया लेकिन उन्होंने सभी “पुरुषों और महिलाओं” से अयोध्या शहर वापस लौटने का अनुरोध किया और वो वापस लौट गए लेकिन सारे ट्रांसजेंडर व्यक्ति भगवान राम का वही इंतजार कर रहे थे।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. डॉ. सदानंद शाही ने श्री रविशंकर जी महाराज को नमन करते हुए अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त किया और ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने उपस्थित सभी किन्नर सदस्यों और वक्ता के तौर पर उपस्थित सभी का स्वागत किया। उन्होंने समाज, साहित्य और कहानियों में उपस्थित ट्रांसजेंडर लोगो की प्रस्तुतियों पर बात की और बताया की सदियों से उन्हें अलग माना जा रहा है। सामाजिक विमर्श, धार्मिक विमर्श और वेदांत कहता है कि सभी के भीतर वही परम तत्व है सभी को स्वीकार करें। साथ ही ये भी उल्लेखनीय है की जब समाज में जब सेकंड जेंडर (महिलाओं) के लिए भेदभाव है तो थर्ड जेंडर के लिए सम्मान और बरोबरी तो है ही नहीं। हमेशा से ट्रांसजेंडर लोगो को असम्मानित शब्दों से पुकारा जाता है उन्होंने बताया की सामाजिक रूप से ट्रांसजेंडर लोगो का बहिष्करण होता है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव सी रमेशकुमार ने सभी का स्वागत और अभिनंदन किया साथ ही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया” के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम संयोजक डॉ. संतोष कुमार और सहसंयोजक डीन, फ़ैकल्टी ऑफ आर्ट्स डॉ. मनीष वर्मा एवं सहायक प्राध्यापक, डॉ. नरेश कुमार गौतम भी उपस्थित रहे। डॉ. संतोष कुमार, डीन, फ़ैकल्टी ऑफ आर्ट्स डॉ. मनीष वर्मा एवं सहायक प्राध्यापक, डॉ. नरेश कुमार गौतम द्वारा “ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया” पर लिखी गई “डिस्कोर्स ऑन ट्रांसजेंडर सोसाइटी एंड मीडिया वर्ल्डवाइड” पुस्तक का विमोचन किया साथ ही ट्रांसजेंडर सोसाइटी और मीडिया , डॉ. संतोष कुमार द्वारा डायस्पोरा एमिग्रेशन एंड इनक्वॉलिटी, डॉ. राकेश कुमार डेविड द्वारा प्राथमिक शिक्षा का लोकव्याकरण, फ़ैकल्टी ऑफ आर्ट्स डॉ. मनीष वर्मा द्वारा द फिलॉसफी ऑफ़ एक्सिस्टेंलिस्म पुस्तकों का विमोचन किया गया।

तत्प्श्चात राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन उपस्थित सक्षम प्रकृति वेलफेयर सोसायटी (ट्रांसजेंडर), चंडीगढ़- पंजाब से अध्यक्ष धनंजय चौहान और मितवा संकल्प समिति (ट्रांसजेंडर),रायपुर, छत्तीसगढ़ से श्री देवनाथ ने ट्रांसजेंडर बनने की अपनी आपबीती बताई और अपने ऊपर हुए शोषण और अत्याचार के बारे में बताया की कैसे उनको ट्रांसजेंडर होने के कारण समाज ने प्रताड़ित किया गया और मितवा संकल्प समिति (ट्रांसजेंडर),रायपुर, छत्तीसगढ़ से अध्यक्ष विद्या राजपूत, सदस्य रवीना बरिहा ने ट्रांसजेंडर के प्रति समाज और मीडिया में उन्हें कैसे गलत प्रस्तुत किया जाता है इस बारे में बताया।

महाराष्ट्र के ओफ्फिशिएटिंग प्रिंसिपल प्रो. केशव माणिक वाल्के, गांधीनगर से डॉ. नरेश कुमार, वर्धा (प्रयागराज केंद्र) से. डॉ. शरद जायसवाल ने समाज और मीडिया में ट्रांसजेंडर लोगो की स्थिति और उनके नज़रिये के बारे में बताया। प्रथम दिन में सभी प्रतिभागियों ने लोगो ने सभी वक्ताओं के अनुभव जाने और अपनी प्रतिक्रिया दी।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन उपस्थित वक्ताओं ने ट्रांसजेंडरों की पहचान और राजनीति, परिवार और समाज द्वारा ट्रांसजेंडर और सामाजिक बहिष्कार, ट्रांसजेंडर, समस्या और संभावनाएं, सिनेमा और साहित्य में ट्रांसजेंडर, ट्रांसजेंडर पहचान, पहचान और राजनीति, मेनस्ट्रीम मीडिया में ट्रांसजेंडर प्रतिनिधित्व, ट्रांसजेंडर और मानवाधिकार, ट्रांसजेंडर, पारंपरिक पहचान और संस्कृति, ट्रांसजेंडर के समाजशास्त्रीय पहलू पर चर्चा की साथ ही फिलाडेल्फिया, पीए, संयुक्त राज्य के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन स्टार्लिंग ने ऑनलाइन माध्यम से अपना वक्तव्य दिया और ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया से संबंधित अपना अनुभव साझा किया एवं शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

द्वितीय दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ. बलदेव भाई शर्मा ने ट्रांसजेंडर समाज और मीडिया पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी पर उपस्थित सभी शोधार्थियों और वक्ताओं से चर्चा की एवं संगोष्ठी पर उपस्थित होने पर ख़ुशी जाहिर की और विश्विविद्यालय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि समाज के उपेक्षित तबके को मोमबत्ती देना बहुत साहस का कार्य है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल शिक्षा प्रदान करना ही नहीं है अपितु छात्र के मन में शिक्षा के व्यवसाय की सामाजिक दृष्टि को जगाना और उस पर शोध करना है। जिन्होंने वर्षों से समाज में पहचान के लिए बहुत कुछ सहा है। उन्हें हमारे समाज में स्वीकृति मिलनी चाहिए, समाज में सम्मान मिलना चाहिए।

संगोष्ठी के अंत में उपस्थित सभी अतिथियों को प्रतीक चिह्न भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया एवं राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समापन किया गया।
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. जे. के. उपाध्याय, विश्वविद्यालय के प्रति-कुलाधिपति श्री हर्ष गौतम ने विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी….


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