“मेरे पास घर नहीं है”: कांग्रेस के अधिवेशन में बोले राहुल गांधी; बीजेपी ने कसा तंज

0

नवा रायपुर,27  फरवरी \कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उनके पास कभी अपना घर नहीं रहा और उनके इसी अहसास ने उन्हें अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में बदलाव करने और लोगों से संपर्क साधने में मदद की. छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में कांग्रेस के महाधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि वह चाहते थे कि यात्रा में शामिल होने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह महसूस करे कि वे घर आ रहे हैं. उन्होंने 1977 में हुई उस घटना को याद किया, जब उनका परिवार अपना सरकारी आवास खाली करने की तैयारी कर रहा था.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘घर में एक असहज माहौल था. मैं मां के पास गया और उनसे पूछा कि क्या हुआ है. मां ने मुझसे कहा कि हम यह घर छोड़ रहे हैं.”

उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त तक मुझे लगता था कि यह हमारा घर है. इसलिए, मैंने अपनी मां से पूछा कि हम अपना घर क्यों छोड़ रहे हैं. तब, मेरी मां ने मुझे पहली बार बताया कि यह हमारा घर नहीं है, बल्कि सरकारी आवास है और अब हमें इसे छोड़ना होगा.”

राहुल ने कहा कि उन्होंने अपनी मां (सोनिया गांधी) से पूछा कि अब वे कहां जाएंगे, इस पर उन्होंने कहा था, ‘‘…‘नहीं मालूम’, मैं हैरान रह गया. मैंने सोचा था कि यह हमारा घर है.”

उन्होंने कहा, ‘‘52 साल का होने के बाद भी मेरे पास एक घर नहीं है. हमारा पारिवारिक घर इलाहाबाद में है और वह भी हमारा नहीं है. मैं 12 तुगलक लेन पर रह रहा हूं, लेकिन यह मेरा घर नहीं है.”

इसके बाद, राहुल ने अपनी यात्रा के बारे में बताया, जो पिछले साल सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 12 राज्यों तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी थी. यात्रा जनवरी के अंत में कश्मीर में संपन्न हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं कन्याकुमारी से आगे बढ़ा, मैंने खुद से सवाल किया कि मेरी क्या जिम्मेदारी है…मेरे मन में एक विचार आया…मैंने अपने लोगों से कहा कि मेरे चारों ओर यह 20-25 फुट का क्षेत्र अगले चार महीनों के लिए मेरा घर होने जा रहा है. यह घर मेरे साथ-साथ जाएगा.”

राहुल ने कहा, ‘‘जो कोई भी यहां आया–चाहे वह अमीर या गरीब हो, बुजुर्ग या युवा हो, चाहे किसी क्षेत्र या राज्य या अन्य देश से हो, या एक जानवर ही क्यों ना हो…उन्हें यह लगा कि वे घर आए हैं…और उस जगह को छोड़ कर जाने के दौरान उन्हें लगा कि वे अपने घर से जा रहे हैं…जिस दिन मैंने यह किया, यात्रा बदल गई.”

हालांकि, भाजपा ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी से गांधी परिवार में ‘अधिकार की भावना’ प्रदर्शित होती है क्योंकि इसने जिम्मेदारी के बगैर शक्तियों का आनंद लिया है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘राहुल जी सोचा करते थे कि वे जिन आवास और कार का उपयोग कर रहे थे, वे उनके ही थे. यदि आपको लगता है कि सरकारी आवास आपका घर है, इसे कौन खाली करा सकता है–तो इसे अधिकार की भावना कहते हैं.”

उन्होंने कहा कि राहुल ने अपनी यात्रा अब जाकर की है, लेकिन भाजपा के दो प्रधानमंत्रियों ने देशभर की यात्रा करने में अपना जीवन व्यतीत किया और प्रचारक के रूप में इस बारे में सीखा.

पात्रा ने कहा, ‘‘52 साल के होने के बाद, उन्हें यह अहसास हो रहा है कि उनकी क्या जिम्मेदारी होनी चाहिए…कांग्रेस की अध्यक्षता छोड़ने के बाद…आपका और गांधी परिवार का एक ही लक्ष्य है–जिम्मेदारी के बगैर सत्ता.”

उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, लेकिन पार्टी का पूरा महाधिवेशन गांधी परिवार के सदस्यों पर केंद्रित है.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *