रायपुर। मैट्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एजुकेशन, ने 25 फरवरी को नई शिक्षा नीति पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का उद्देश्य शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों और नीति निर्माताओं सहित विभिन्न हितधारकों के लिए नई शिक्षा नीति के निहितार्थों का पता लगाना था।
इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) के.पी. यादव ने भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलने में नई शिक्षा नीति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों के बीच संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण लाना है।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि श्री राजेश सिंह राणा, आईएएस, निदेशक एससीईआरटी और एसएलएम, छत्तीसगढ़ के जीओवी और कई मुख्य वक्ता शामिल थे, जिनमें प्रसिद्ध शिक्षाविद, नीति निर्माता और विद्वान शामिल थे। वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं जैसे व्यावसायिक शिक्षा, शिक्षा में तकनीक का उपयोग और शिक्षक प्रशिक्षण के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने नीति को लागू करने में आने वाली चुनौतियों और उन्हें दूर करने के संभावित समाधानों के बारे में भी बात की।
संगोष्ठी में पैनल चर्चा और इंटरैक्टिव सत्र भी शामिल थे, जहां प्रतिभागियों ने नई शिक्षा नीति पर अपने विचार और अनुभव साझा किए। प्रतिभागियों में देश के विभिन्न हिस्सों से शिक्षक, शोधकर्ता, नीति निर्माता और छात्र शामिल थे।
मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलसचिव श्री गोकुलानंद पांडा ने कहा कि सेमिनार ने नई शिक्षा नीति पर रचनात्मक चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया। उन्होंने संगोष्ठी में बहुमूल्य योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
मैट्स स्कूल ऑफ एजुकेशन द्वारा छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन उच्च शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण प्रयास था। इससे नई नीति के महत्व पर प्रकाश डाला गया और इसके कार्यान्वयन में अंतर्दृष्टि प्रदान की। संगोष्ठी का समापन नई शिक्षा नीति के अनुरूप भारत में शिक्षा प्रणाली को बदलने की दिशा में काम करने के संकल्प के साथ हुआ।
प्रोफेसर डॉ परविंदर हंसपाल और डॉ संजीत कुमार तिवारी के प्रयासों में यह एक बड़ी सफलता थी। मैट्स यूनिवर्सिटी के माननीय कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया एवं महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया ने नई शिक्षा नीति पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी को सराहनीय प्रयास बताया और कहा कि इससे प्रदेश में नई शिक्षा नीति के परिपालन की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
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