भारत में ब्राह्मणवाद के खिलाफ बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक युद्ध छेड़ रहा कर्नाटक राज्य आधारित लिंगायत आंदोलन के नेताओं ने

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रायपुर 08 फरवरी 2023/

अठारहवें दिन दिनांक 6 फरवरी, 2023 को शाम करीब 6 बजे *’बेगमपुरा भारत – भाईचारा यात्रा’* कर्नाटक की राजधानी, बैंगलुरू पहुंची। बैंगलूरु पहुंचने पर लिंगायत आंदोलन के सचिव मा. प्रसन्ना जी ने यात्रा की अगुवाई की।

उन्होंने शाम 7 बजे सदाशिव नगर, बेंगलुरू में स्थित अपने “ऑल इंडिया वीरशैव महासभा” के कार्यालय में एक गोलमेज सभा का आयोजन किया। इस सभा में सर्वप्रथम उन्होंने लिंगायत आंदोलन के विषय में विस्तृत जानकारी दी।

तत्पश्चात बीडीपी अध्यक्ष मा. जीवन कुमार मल्ला जी ने गोलमेज सभा के आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “भाइयों, ‘बेगमपुरा भारत – भाईचारा यात्रा’ का आज अठारहवां दिन है। इन अठारह दिनों में हम सात राज्यों में जनसंपर्क करते हुए आज आपके शहर बैंगलूरु पहुंचे हैं।

अभी मा. प्रसन्ना जी ने बताया कि हम हिंदू नहीं हैं, बल्कि हमारा अलग लिंगायत धर्म है। भाइयों, पिछले सप्ताह हम झारखंड में थे। झारखंड में करीब 40 प्रतिशत आदिवासी आबादी है। वहां का आदिवासी समुदाय भी कहता है कि हम हिन्दू नहीं हैं। वह सिर्फ कहते ही नहीं, बल्कि वहां की राज्य सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव भी पास किया है कि हम हिन्दू नहीं, सरना हैं इसलिए हमें एक अलग धार्मिक कोड ‘सरना’ प्रदान किया जाए। इधर केरल में नारायण गुरु के ओबीसी अनुयायी भी कहते हैं कि हम हिन्दू नहीं, नारायण गुरु के अनुयायी हैं। तमिलनाडु के द्रविड भी कहते हैं कि हम हिन्दू नहीं, मूलनिवासी द्रविड हैं। तमिलनाडु का आईयाबैकुतुर समुदाय भी कहता है कि हम हिंदू नहीं हैं।

पंजाब के सिखों ने भी घोषणा की है कि हम हिन्दू नहीं हैं। पंजाब के आदधर्मी लोग भी कहते हैं कि हम हिन्दू नहीं हैं। अनुसूचित जाति के लोग भी कहते हैं कि हम हिन्दू नहीं, बुद्धिस्ट हैं। बंगाल के नामशूद्रों ने ब्राह्मणवाद के विरोध में विद्रोह शुरू किया था। वे भी हिन्दू नहीं हैं। मुस्लिम और ईसाई तो स्पष्ट तौर पर हिंदुओं से अलग धर्म के लोग हैं। तो फिर हिन्दू कौन है?

उन्होंने आगे कहा कि, ब्राह्मण जाति के अलावा कोई भी हिन्दू नहीं है, लेकिन ब्राह्मणवादी लोग देश की सत्ता में नाजायज़ काबिज़ रहने के लिए गैर-ब्राह्मणों को हिन्दू धर्मी बताने का षड्यंत्र करते हैं। इसलिए अब अलग-अलग राज्यों में ब्राह्मणवादी हिंदुत्व के खिलाफ आंदोलित सामाजिक-धार्मिक समूहों को एक साथ आकर ब्राह्मणवादी सत्ता को देश से उखाड़ फेंकना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि, ब्राह्मणवादी लोगों के पास अपना मीडिया है। इसलिए यह ब्राह्मणवादी लोग चहारदीवारी में बैठकर मीडिया के माध्यम से देश में झूठ और भ्रम फैलाते हैं। जबकि हमारे संत-गुरु, महापुरुषों का मार्ग सत्य पर आधारित मार्ग है, लेकिन सत्य का प्रचार-प्रसार न हो पाने के कारण ब्राह्मणवादी लोगों का झूठ-फ़रेब अभी तक फल-फूल रहा है।

भाइयों, सत्य को प्रसारित करना कठिन काम है। लेकिन आज के डिजिटल युग में समाज के अंदर झूठ और फरेब को प्रसारित करना बड़ा आसान काम है। इसलिए सत्य को प्रसारित करने के लिए प्रयासरत लोगों को वर्तमान के हिसाब से रणनीति तैयार कर कार्य करना चाहिए।

इस सभा के आयोजकों का एक बार फिर से आभार व्यक्त करते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

जय कांशीराम! जय पेरियार!! जय बेगमपुरा भारत!!!


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