महत्वपूर्ण वेटलैण्डों को रामसर स्थल के रूप में घोषित कराने हो पहल


रायपुर, 03 फरवरी 2022/ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में विश्व आर्द्र भूमि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि वेटलैण्ड (आर्द्रभूमि) को पारिस्थितिकीय तथा स्वस्थ्य पर्यावरण के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वेटलैण्डों के विकास के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही जारी है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री अकबर ने इस दौरान छत्तीसगढ़ में वेटलैण्डों (आर्द्रभूमि) को चिन्हांकित कर उनके विकास के लिए तेजी से कार्य करने के लिए विशेष जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में सर्वेक्षण उपरांत वेटलैण्डों का शीघ्रता से सूचीबद्ध करने और महत्वपूर्ण वेटलैण्डों को रामसर स्थल के रूप में घोषित कराने विशेष पहल हो। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला, अध्यक्ष राज्य जैव विविधता बोर्ड श्री राकेश चतुर्वेदी तथा राज्य वेटलैण्ड अथॉरिटी के सदस्य सचिव श्री अरूण पांडेय ने भी सम्बोधित किया। वन मंत्री श्री अकबर ने इस दौरान अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण पाण्डेय के आलेख पर आधारित प्रकाशित पुस्तिका ‘वन्यप्राणी अपराध प्रकरणों में अभियोजन‘ का विमोचन भी किया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कुल 35 हजार 534 वेटलैण्ड हैं, जिसमें से 2.25 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल के 7 हजार 711 वेटलैण्ड हैं तथा 2.25 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल के 27 हजार 823 वेटलैण्ड हैं। इन समस्त वेटलैण्डों का क्षेत्रफल 3 लाख 37 हजार 966 हेक्टेयर है, जो राज्य के जियोग्राफिक एरिया का 2.5 प्रतिशत होता है। इनमें राज्य के जांजगीर-चांपा जिला 6.78 प्रतिशत, धमतरी जिला 6.65 प्रतिशत, दुर्ग जिला 3.55 प्रतिशत, रायपुर जिला 3.53 प्रतिशत तथा महासमुंद जिला 3.52 प्रतिशत कुल भौगोलिक क्षेत्र का वेटलैण्ड है।

इस दौरान राज्य में उपलब्ध वेटलैण्डों के समन्वित रूप से विकास के लिए कार्ययोजना के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया। राज्य में स्थित वेटलैण्ड में आने वाले प्रवासी, स्थानीय पक्षियों के रहवास विकास को देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित 27 वेटलैण्ड में आने वाले प्रवासी पक्षियों एवं स्थानीय पक्षियों के संबंध में सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे उपरांत इनके संरक्षण, संवर्धन एवं प्राकृतिक रहवास तैयार करने एवं पक्षी पर्यटन के लिए जागरूक करने हेतु कार्ययोजना तैयार की जा रही है। वर्तमान में 11 वेटलैण्ड- बेलौदी, चीचा, सांतरा, अचानकपुर, गिधवा परसदा, फुटहामुड़ा, रूद्री, मॉडमसिल्ली, गेरनाला, नीमगांव और कोपरा में एविफौना सर्वे का कार्य कराया जा चुका है। सर्वे में गिधवा-परसदा वेटलैण्ड में 243, कोपरा में 150, बेलौदी में 165 तथा फुटहामुड़ा वेटलैण्ड में 136 प्रकार के माईग्रेटरी बर्डस् की उपस्थिति दर्ज की गई है। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सहित 08 राज्यों से छत्तीसगढ़ में अध्ययन-भ्रमण हेतु पहुंचे भारतीय वन सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे।


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