न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने की इस्तीफा देने की घोषणा
नई दिल्ली, 19 जनवरी 2022\ न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 7 फरवरी तक अपने पद से इस्तीफा दे देंगी. न्यूजीलैंड के सार्वजनिक प्रसारक आरएनजेड ने ट्वीट किया, “जैसिंडा अर्डर्न का कहना है कि वह इस साल फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगी और प्रधानमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन 7 फरवरी है. 2023 का आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा. अर्डर्न का चौंकाने वाला फैसला साढ़े पांच साल के कार्यकाल के बाद आया है. अर्डर्न ने कहा कि वह जानती हैं कि प्रधानमंत्री का पद बेहद व्यस्तताओं से भरा होता है.उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बहुत कुछ हासिल किया है. मीडिया से बात करते हुए, अर्डर्न ने अपने इस्तीफा देने का कोई विशेष कारण नहीं बताया,
नम आंखों के साथ अर्डर्न ने नेपियर में पत्रकारों से कहा कि सात फरवरी बतौर प्रधानमंत्री उनका आखिरी दिन होगा. उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे कार्यकाल का छठा वर्ष शुरू होने जा रहा है और बीते हर साल मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है.’’ उन्होंने घोषणा की कि न्यूजीलैंड का अगला आम चुनाव 14 अक्टूबर को होगा और वह तब तक सांसद के रूप में काम करती रहेंगी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव तक प्रधानमंत्री पद कौन संभालेगा.
उप प्रधानमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने घोषणा की है कि वह लेबर पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे. अर्डर्न ने अपने पद को कई विशेषाधिकारों से भरा लेकिन चुनौतीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस भूमिका को निभाने के लिए हमेशा अप्रत्याशित चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह पद इसलिए नहीं छोड़ रही क्योंकि यह चुनौतियों से भरा है. अगर ऐसा होता तो प्रधानमंत्री बनने के दो महीने बाद ही मैंने पद छोड़ दिया होता. मैं यह पद इसलिए छोड़ रही हूं क्योंकि इससे मिलने वाले विशेषाधिकारों के साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं … जिम्मेदारी यह जानने की कि आप नेतृत्व करने के लिए कब सही व्यक्ति हैं और कब नहीं. मुझे पता है कि इस पद के लिए क्या चाहिए और मुझे पता है कि अब मेरे पास जज़्बा नहीं है. यही असल बात है.’’
अर्डर्न की उदारवादी लेबर पार्टी ने दो साल पहले चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी लेकिन हाल के चुनाव ने उनकी पार्टी को उनके रूढ़िवादी प्रतिद्वंद्वियों ने पछाड़ दिया था. अर्डर्न ने जिस तरह से वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कदम उठाए उसके लिए विश्वभर में उनकी सराहना की गई. हालांकि पाबंदियां काफी कड़ी होने की वजह से कई बार उन्हें देश के भीतर आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा. अर्डर्न ने दिसंबर में घोषणा की थी कि एक ‘रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी’ इस बात पर गौर करेगी कि क्या सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए सही निर्णय लिए और भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से कैसे तैयार रहा जा सकता है.