आवास की धनराशि के साथ मनरेगा के तहत मिला 90 दिनों का काम
जिन्दगी की इसी उठापटक में सरस्वती यादव को एक दिन ग्राम पंचायत से प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण से पक्का आवास मिलने की जानकारी हुई। उन्हें कुछ दिनों के बाद आवास स्वीकृति पत्र प्राप्त हुआ। नवंबर 2020 में रमेश ने अपने आवास का निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जिसके लिए तीन किस्तों में आवास की एक लाख बीस हजार की धनराशि उन्हें बैंक खाते में मिली। साथ ही मनरेगा के तहत 90 दिनों का काम भी मिला। शासन से मिली राशि और मनरेगा से हुई आय से उन्होंने अपना घर बनवाया। अप्रैल 2022 में उनका सर्व सुविधायुक्त आवास बनकर पूर्ण हुआ। जिसमें बिजली फिटिंग, नल कनेक्शन का कार्य किया गया जिससे वह और उनका परिवार आवास में आराम से जीवन यापन कर सके। योजना के अभिसरण से मिलने वाली स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, मनरेगा के तहत 90 दिवस का रोजगार, राशन कार्ड से अनाज का लाभ भी मिला। शासन से संचालित योजनाओं का लाभ मिलने से रमेश यादव/सरस्वती यादव का परिवार अपने बच्चों के साथ हंसती खेलती जिंदगी जी रहे है। सरस्वती यादव बताती है की वो शासन के आभारी है, जिन्होने गरीबों को उनके सपने को पूरा करने का अवसर दिया। आज उनके कारण ही हम पक्के मकान में रह रहे है।
उल्लेखनीय है की गरीबों के सपने को साकार करने के लिए शासन द्वारा ”प्रधानमंत्री आवास योजना” चलाई जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे गरीब परिवार जिनके पास अपना पक्का मकान नही था और निर्धनता के कारण अपना आवास बनाने में असमर्थ थे, को इस योजना का लाभ देकर सरकार द्वारा गरीबों का सपना साकार किया जा रहा है। अब तक लाखों लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है और दिया जा रहा है। ”प्रधानमंत्री आवास योजना” गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है।