नई दिल्ली,09 जनवरी 2023\ ब्राजील के धुर दक्षिणपंथी पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के लगभग 3,000 समर्थकों ने राष्ट्रपति भवन, ब्राजील कांग्रेस भवन (संसद भवन) और देश के कई सरकार भवनों पर हमला किया है. हजारों प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों की छतों पर चढ़ गए, खिड़कियां तोड़ दीं और तीन इमारतों पर धावा बोला. स्थानीय टीवी चैनलों में दिखाई जा रही फुटेज में ब्रासीलिया में भारी भीड़ को एक रैंप पर चलते हुए दिखाया गया है जो कांग्रेस भवन की ओर जाता है और ग्रीन रूम तक पहुंचता है, जो कांग्रेस चैंबर के निचले सदन के बाहर स्थित है. फुटेज में बोलसोनारो के समर्थकों को सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करते दिखाया गया है.लूला के ब्राजील के राष्ट्रपति बनने के बाद से बोलसोनारो के समर्थकों ने ब्रासीलिया में डेरा डाल दिया है. कांग्रेस के किसी भी सदन में कोई सत्र नहीं चल रहा है और लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा इमारत में नहीं थे,
सीएनएन के मुताबिक, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के लिए इकट्ठी की गई एक टीम पैलेस के अंदर काम कर रही थी, तभी प्रदर्शनकारियों ने प्रवेश किया. पूर्व राष्ट्रपति के ये समर्थक राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डा सिल्वा के एक सरकार बिल्डिंग के उद्घाटन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान ये प्रदर्शनकारी ब्राजील कांग्रेस भवन, राष्ट्रपति भवन में घुस गए.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और यूएन चीफ ने प्रदर्शनकारियों के इस हमले की कड़ी निंदा की है. एक ट्वीट में बाइडेन ने जोर देकर कहा कि ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं को अमेरिका का पूरा समर्थन प्राप्त है. बाइडेन ने ट्वीट किया, “मैं ब्राजील में लोकतंत्र पर और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण पर हमले की निंदा करता हूं. ब्राजील के लोकतांत्रिक संस्थानों को हमारा पूरा समर्थन है और ब्राजील के लोगों की इच्छा को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए. मैं वहां के राष्ट्रपति के साथ काम करना जारी रखने के लिए उत्सुक हूं.
बता दें कि लूला डा सिल्वा ने 30 अक्टूबर को हुए चुनाव में बोल्सोनारो को मात दी थी, जिसके बाद उनके कई समर्थक देशभर में सड़कों पर उतर आए थे और चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। ऐसी ही घटना अमेरिका में भी देखने को मिली थी, जब डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे.ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके कथित समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में हिंसा की थी.
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