20% तक महंगे होने वाले हैं पंखे, कंपनियों ने भी दे दिया इशारा, ये है वजह


नई दिल्ली, 08 जनवरी 2023\  पंखों को बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग के साथ बेचना एक जनवरी से अनिवार्य हो जाने से इनके (सीलिंग फैन) दाम में आठ से लेकर 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है. ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंशी- BEE) के संशोधित मानकों के अनुरूप अब बिजली की बचत करने की क्षमता के आधार पर बिजली से चलने वाले पंखों को स्टार रेटिंग दी जाएगी. एक स्टार रेटिंग वाला पंखा न्यूनतम 30 प्रतिशत बिजली की बचत करता है जबकि पांच स्टार वाला पंखा 50 प्रतिशत से अधिक बिजली बचा सकता है.

इस बदलाव का जहां हैवल्स, ओरिएंट इलेक्ट्रिक और उषा इंटरनेशनल जैसे प्रमुख पंखा विनिर्माताओं ने स्वागत किया है वहीं इससे पंखों के दाम 5 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका भी है. दरअसल 5-स्टार वाले पंखों में आयातित मोटर एवं इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे लगाने से उनकी लागत बढ़ जाएगी.

नई व्यवस्था के तहत अब पंखा बनाने वाली कंपनियों को अपने पंखों पर बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग का लेबल लगाना जरूरी होगा.

ओरिएंट इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) राकेश खन्ना ने इसे ‘बड़ा बदलाव’ बताते हुए कहा है कि स्टार रेटिंग व्यवस्था आने से अब ग्राहकों को अधिक बिजली बचाने वाले उन्नत पंखे मिल पाएंगे. लेकिन इसके लिए ग्राहकों को अब अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि बेहतर रेटिंग पाने के लिए पंखों में उन्नत पुर्जे लगाए जाएंगे. उन्होंने कीमतों में सात-प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई है.

उषा इंटरनेशनल के CEO दिनेश छाबड़ा ने कहा कि स्टार रेटिंग वाले पंखों के इस्तेमाल से ग्राहकों को बिजली का बिल कम करने में मदद मिलेगी लेकिन इन पंखों की खरीद पर उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा, ‘‘उषा कंपनी का एक स्टार रेटिंग वाला पंखा पांच-सात प्रतिशत और पांच स्टार रेटिंग वाला पंखा 20 प्रतिशत तक महंगा हो जाएगा.’’

हैवल्स इंडिया के अध्यक्ष सौरभ गोयल ने कहा कि नए मानक लागू होने से पंखों की उत्पादन लागत में होने वाली आंशिक बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बदलाव लोगों को बिजली बचत के बारे में जागरूक करने का एक मौका भी है.

देश में पंखे का बाजार करीब 10,000 करोड़ रुपये का है. भारतीय पंखा विनिर्माता संघ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस खंड में 200 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं.


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