सीरीज जीत के लिए भारत को ढूंढना होगा इन 5 बातों का हल


नई दिल्ली 06 जनवरी 2022\ श्रीलंका के खिलाफ साल 2023 में खेली जा रही पहली सीरीज बराबरी पर खड़ी है. तीन मैचों की इस सीरीज में गुरुवार श्रीलंका ने भारत को 16 रन से मात देकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली और अब शनिवार को राजकोट में तीसरा और निर्णायक मैच जीतकर सीरीज का फैसला होगा. दोनों टीमों ने अब तक जोरदार दम दिखाया है

पहले मैच में भारत ने 2 रन से जीत दर्ज की थी, तो दूसरे मैच में वह भले हार गया लेकिन उसने 57/5 से वापसी करते हुए अपने स्कोर को 190 तक पहुंचा दिया. एक वक्त यह मैच भारत की जद में लग रहा था. अब टीम मैनेजमेंट और भारतीय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या को 5वें और आखिरी मैच में इन 5 बातों पर देना होगा ध्यान…

नो बॉल पर ब्रेक

गुरुवार को भारत की हार की प्रमुख वजह मैच में 7 नो बॉल फेंकना था. इन 7 नो बॉल पर फ्री हिट समेत श्रीलंका ने 34 रन जोड़े. यानी कुल मिलाकर उसने इस मैच में 21.1 ओवर बैटिंग की, जिसमें 34 रनों का बोनस भी मिला. अब भारत को यह काम सिर्फ 20 ओवर में करना था. अर्शदीप सिंह ने अकेल 5 नो बॉल फेंककर टीम पर दबाव बढ़ाया, जबकि श्रीलंका ने इस मैच में एक भी नोबॉल नहीं फेंकी. तीसरे मैच में उसे इस पर ब्रेक लगाना होगा.

टॉप ऑर्डर बैटिंग को दिखाना होगा दम

207 रनों के विशाल टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया के 5 बल्लेबाज सस्ते में आउट होकर पवेलियन लौट गए. ईशान किशन (2), शुबमन गिल (5), दीपक हुड्डा (9) और राहुल त्रिपाठी (5) दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए. कप्तान हार्दिक पांड्या (12) भी फ्लॉप रहे. भारत ने सिर्फ 57 रन के कुल स्कोर पर 5 विकेट गंवा दिए थे. ऐसे में बड़े टोटल का पीछा करना असंभव काम हो जाता है. तीसरे मैच में उसे अपनी बल्लेबाजी का कमाल दिखाना होगा.

युजवेंद्र चहल पर चिंता

भारत में स्पिन बॉलिंग का अपना ही महत्व रहता है. लेकिन अनुभवी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल अभी लय में नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने कल 4 ओवर में 30 रन देकर रनों पर तो लगाम लगाने की कोशिश की. लेकिन वह विकेट 1 ही ले पाए, जबकि पहले मैच में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था. चहल को बॉलिंग में अपनी चलाकी वापसी लानी होगी.

परिस्थितियों का सम्मान

हार्दिक पांड्या ने सीरीज की शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि वह टीम को मुश्किल में डालना चाहते हैं ताकि खिलाड़ी बड़े मैचों के लिए खुद को निखार सकें. पहले दो मैचों में उन्होंने यही किया. मुंबई में चेज करना आसान माना जाता है तो उन्होंने इसके उलट पहले बैटिंग की. पुणे में पहले बैटिंग करने वाली टीम के जीत के चांस ज्यादा होते हैं तो हार्दिक ने यहां भी टॉस जीतकर पहले फील्डिंग की. टीम को बड़े मिशन के लिए तैयार करना अच्छी चीज है लेकिन अब तीसरे और निर्णायक मैच में परिस्थितियों के लिहाज निर्णय लेना होगा वरना सीरीज हाथ से फिसल सकती है.

इसी प्लेइंग XI पर विश्वास

टीम इंडिया को भले हार मिली हो लेकिन उसे इसी प्लेइंग XI पर भरोसा दिखाना होगा. ताकि खिलाड़ी अपनी गलतियों को सुधार कर खुद को साबित कर सकें. गुरुवार को भारत दो बदलावों के साथ उतरा था. चोटिल संजू सैमसन की जगह राहुल त्रिपाठी को मौका मिला, जबकि पहले मैच में फीके दिखे हर्षल पटेल की जगह अर्शदीप सिंह को चुना गया. अब उसे इसी प्लेइंग XI से आगे बढ़ना चाहिए.


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