कोविड को लेकर यूरोपीय संघ और चीन के बीच बढ़ रहा टकराव

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नई दिल्ली, 04 जनवरी 2023\ कोविड-19 संकट को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) एवं चीन के बीच राजनीतिक गतिरोध मंगलवार को और बढ़ गया. यूरोपीय संघ के कुछ देशों ने यात्रा पाबंदी लगाने की शुरुआत की है, जिसका चीन ने जबर्दस्त विरोध किया है. चीन सरकार के प्रवक्ता माओ निंग ने यह कहते हुए टीकों समेत विभिन्न मदद की यूरोपीय संघ की पेशकश खारिज कर दी कि स्थिति ‘नियंत्रण में है’ और दवाइयां पर्याप्त मात्रा में हैं. कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर भारत समेत विभिन्न देशों द्वारा चीनी यात्रियों पर पाबंदी लगाए जाने से नाराज चीन ने मंगलवार को कहा कि ये प्रतिबंध भेदभावपूर्ण हैं. साथ ही उसने जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी.

27 देशों का समूह यूरोपीय संघ चीन से आने वाले यात्रियों पर कुछ बंदिशें लगाने की ओर बढ़ रहा है. इस पर माओ ने कहा, राजनीतिक मकसद के लिए कोविड उपायों को अपने हिसाब से रखने की कोशिश का हम दृढतापूर्वक विरोध करते हैं और हम जवाब के सिद्धांत पर जवाबी कदम उठायेंगे. उसके बाद भी, ऐसा लगता है कि यूरोपीय संघ कुछ संयुक्त कार्रवाई करने पर तुला है ताकि चीन से आने वाले यात्रियों से इस महाद्वीप में वायरस के किसी नए स्वरूप से संक्रमण नहीं फैले.

यूरोपीय संघ की अध्यक्ष संभाल रहे स्वीडन ने एक बयान में चेतावनी दी, चीन से आने वाले यात्रियों को ‘शार्ट नोटिस’ पर लिए जा रहे निर्णयों के लिए तैयार रहना चाहिए.

चीन ने अपने यहां से जाने वाले यात्रियों पर पाबंदियां लगाने वाले देशों के चेताया

कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर भारत समेत विभिन्न देशों द्वारा चीनी यात्रियों पर पाबंदी लगाए जाने से नाराज चीन ने मंगलवार को कहा कि ये प्रतिबंध भेदभावपूर्ण हैं. साथ ही उसने जवाबी कदम उठाने की चेतावनी दी. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, इजराइल, मलेशिया, मोरक्को, कतर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जापान और यूरोपीय संघ के कई देशों ने अपने विमानों में सवार होने से पहले चीनी यात्रियों को कोविड-19 जांच रिपोर्ट दिखाने का निर्देश दिया है. जबकि बड़ी संख्या में चीनी पर्यटकों यात्रियों को आकर्षित करने वाले देश मोरक्को ने भी चीनी यात्रियों के देश में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.

चीन को निशाना बनाकर कुछ देशों द्वारा लगाईं गईं पाबंदियों का वैज्ञानिक आधार नहीं : माओ निंग

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारा मानना है कि चीन को निशाना बनाकर कुछ देशों द्वारा लगाईं गईं पाबंदियों का वैज्ञानिक आधार नहीं है.

कोविड पाबंदिया लगाए जाने को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं

चीनी प्रवक्ता निंग ने कहा, इनमें से कुछ उपाय अनुपातहीन हैं और बिल्कुल अस्वीकार्य हैं. हम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कोविड पाबंदिया लगाए जाने को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं और पारस्परिकता के सिद्धांत के माध्यम से इसी तरह के कदम उठाएंगे. निंग ने कहा, कई देशों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि फिलहाल चीन में फैलने वाला मुख्य स्वरूप पहले कहीं और पाया गया था, और ग्रह पर कहीं भी एक नया स्वरूप उभर सकता है, जिसका अर्थ है कि चीन को निशाना बनाकर प्रतिबंध लगाना अनावश्यक है.

सभी देशों के कोविड रोकथाम उपाय विज्ञान-आधारित और आनुपातिक होने चाहिए

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, चीन का हमेशा से मानना है कि सभी देशों के कोविड रोकथाम उपाय विज्ञान-आधारित और आनुपातिक होने चाहिए. उनका उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. कुछ देशों के खिलाफ भेदभावपूर्ण कदम नहीं उठाए जाने चाहिए और इन कदमों से सामान्य यात्री और लोग प्रभावित नहीं होने चाहिए.


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