इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है आपकी कमाई

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नई दिल्ली,20 दिसम्बर 2022\ अगर आपकी इनकम टैक्स छूट की सीमा से कम है, फिर भी आपको आईटीआर फाइल करना चाहिए. हालांकि, कानूनी तौर पर आपको आईटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं है. लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न न दाखिल करके आप इससे होने वाले कई फायदों से वंचित रह जाते हैं. इसलिए टैक्स विशेषज्ञ सभी को आईटीआर फाइल करने की सलाह देते हैं.

अगर आपकी कमाई इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो कानूनन ITR फाइल करना आपके लिए अनिवार्य नहीं है. फिर भी, अगर आप आईटीआर नहीं फाइल करते हैं, तो कई फायदों से वंचित रह जाएंगे. हम सभी जानते हैं कि 60 साल से ऊपर और 80 साल से कम उम्र के सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, जबकि सुपर सीनियर सिटीजन यानी 80 साल से ऊपर के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये है. अगर आपकी सैलरी इनकम टैक्स की सीमा से कम है, तब भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए, क्योंकि इसके कई फायदे हैं.

आईटीआर फाइल करने के फायदे

  1. अगर आप लोन लेने जा रहे हैं, तो बैंक आपकी पात्रता की जांच करता है, जो आय पर आधारित होती है. बैंक आपको कितना लोन देगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इनकम कितनी है, जो आपने इनकम टैक्स रिटर्न में फाइल की है. दरअसल, आईटीआर एक ऐसा दस्तावेज है, जिसका इस्तेमाल सभी बैंक लोन की आसान प्रोसेसिंग के लिए करते हैं.
  2. आमतौर पर बैंक लोन प्रोसेसिंग के दौरान अपने ग्राहकों से 3 ITR की मांग करते हैं. इसलिए अगर आप होम लोन लेकर घर खरीदना चाहते हैं, या कार लोन लेना चाहते हैं या पर्सनल लोन लेना चाहते हैं तो आईटीआर जरूर फाइल करें क्योंकि इससे लोन मिलने में आसानी होती है.
  3. अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आप टर्म डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं. डिविडेंड इनकम पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. आप आईटीआर रिफंड के जरिए टैक्स क्लेम कर सकते हैं. अगर आय के कई स्रोतों से होने वाली कुल आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आप फिर से कटे हुए टीडीएस का दावा कर सकते हैं.
  4. इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर को वैध एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका उपयोग आधार कार्ड बनाने में भी किया जा सकता है. कर्मचारियों को कंपनी की ओर से फॉर्म-16 जारी किया जाता है. जो उनका इनकम प्रूफ है. यहां तक कि स्व-नियोजित या फ्री-लांसर्स के लिए भी, आईटीआर फाइलिंग दस्तावेज एक वैध आय प्रमाण के रूप में कार्य करता है.
  5. करदाता को किसी भी नुकसान का दावा करने के लिए निर्धारित तिथि के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है. यह नुकसान पूंजीगत लाभ, व्यापार या पेशे के रूप में हो सकता है. इनकम टैक्स के नियम संबंधित असेसमेंट ईयर में ITR फाइल करने वालों को कैपिटल गेन्स के बदले नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने की इजाजत देते हैं.
  6. अगर आप विदेश में कहीं जा रहे हैं तो ज्यादातर देश आईटीआर की मांग करते हैं. इससे पता चलता है कि व्यक्ति टैक्स अनुपालन करने वाला नागरिक है. इससे वीजा प्रोसेसिंग अधिकारियों को आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति और आय का स्पष्ट अंदाजा हो जाता है. इससे आपको वीजा मिलने में आसानी होती है.

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