नई दिल्ली,16 दिसम्बर 2022\ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। इससे पहले, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और भारतीय नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया।
50 साल पहले 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने अपने हथियार डाल दिए थे, जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ था। आज के दिन को हर साल ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 16 दिसंबर, 1971 को पूर्वी पाकिस्तान के मुख्य मार्शल लॉ प्रशासक और पूर्वी पाकिस्तान में स्थित पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाज़ी ने समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे।
राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी कार्यक्रम में हुए थे शामिल
पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी में आर्मी हाउस में ‘एट होम’ रिसेप्शन में भाग लिया था।
राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ‘विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर आर्मी हाउस में ‘एट होम’ रिसेप्शन में शामिल हुईं।” इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर आर्मी हाउस में ‘एट होम’ रिसेप्शन में शामिल हुआ। भारत हमारे सशस्त्र बलों की वीरता को कभी नहीं भूलेगा, जिसके कारण 1971 के युद्ध में जीत मिली। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्र की सेवा में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि विजय दिवस पर मैं हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल होता हूं, जिन्होंने 1971 के युद्ध में हमारी जीत का नेतृत्व किया। मैं उन शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने हमारे राष्ट्र की सेवा में अपनी जान गंवाई।
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