कार्यक्षेत्र के परिवेश की विशिष्टताओं की समझ और संवेदनशीलता ज़रूरी


भोपाल, 06 नवम्बर 2022 /
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सशस्त्र सीमा बल की सीमाओं की चौकसी में महत्वपूर्ण भूमिका है। जरूरी है कि अधिकारी धैर्य, साहस, विवेक, परिश्रम और देशभक्ति के जज्बे के साथ बल का नेतृत्व करें। राष्ट्रहित की सर्वोच्चता के साथ स्थानीय परिस्थितियों से तालमेल करते हुए समर्पण और ईमानदारी के साथ जिम्मेदारियों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि सफल अधिकारी के लिए व्यवहार सबसे महत्वपूर्ण है। जहाँ भी रहें, जिन व्यक्तियों से मिलें, हर किसी से अत्यंत सरल भाषा में बात करें, व्यवहार सहयोगी और संवेदनशील होना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में सशस्त्र सीमा बल अकादमी भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सहायक कमांडेंट के 26वें एवं 27वें सत्र के प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी. पी. आहूजा भी मौजूद थे।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारत-नेपाल और भारत-भूटान के मध्य मजबूत मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध हैं। इन सीमाओं से बड़ी संख्या में नागरिकों का आवागमन होता है, यह बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। पारस्परिक विश्वास और सौहार्द के वातावरण का दुरूपयोग नहीं हो, इसके लिए बहुत अधिक, सावधानी, सतर्कता और सजगता का होना जरूरी है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रशिक्षण और जमीनी अनुभवों में अंतर होता है। व्यवहार में ऐसी समस्याएँ और चुनौतियाँ सामने आती है, जिनका समाधान दिशा-निर्देशों में नहीं मिलता है। ऐसे समय में कार्यक्षेत्र के परिवेश की विशिष्टताओं को समझते हुए, संवेदनशीलता के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल बना कर कार्य करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।

अकादमी के उप-महानिरीक्षक श्री सोमित जोशी ने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 43 प्रशिक्षुओं को व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए 52 सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम अकादमी द्वारा संचालित किया जाता है। उन्होंने बल के गठन की जानकारी दी। सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीयता की भावना को मज़बूत बनाने, प्रतिरोध क्षमताओं के विकास के लिए प्रेरणा, प्रशिक्षण और विकास के कार्य बल द्वारा किए जाते हैं। बल की दो वाहिनी आपदा प्रबंधन में लगी हैं। इसमें से एक वाहिनी भोपाल में ही कार्यरत है। प्रशिक्षु अधिकारी श्री अमित मिश्रा और श्री जीतेन्द्र कुमार ने प्रशिक्षण के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि प्रशिक्षण के दौरान बल के सूत्र वाक्य सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व के प्रति प्रतिबद्धता के द्वारा संस्कारित किया जा रहा है। बल के डिप्टी कमांडेंट श्री देवेश कुमार ने आभार माना।


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *