बिलासपुर ,28 नवम्बर 2022 /
बिलासपुर जिला के राजस्व विभाग के तहसीलों में काम करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के लिपिकों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही अपने मूल स्थान पर वापस जॉइन करने के निर्देश दिए हैं।ये लिपिक तहसील कार्यालयों में कई सालों से पदस्थ हैं। साथ ही राजस्व संबधी काम कर ये लिपिक तहसील कार्यालयों में कई सालों से पदस्थ हैं। साथ ही राजस्व संबधी काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में स्टाफ की कमी के कारण कई प्रकार के विभागीय कार्य लंबित है। तहसील में काम करने वाले बाबुओं को शिक्षा विभाग से वेतन जारी किया जा रहा है।
बिलासपुर तहसील में शिक्षा विभाग के बाबू पेशी की तारीख देने का ही काम कर रहे हैं। बहुत लंबे समय से बाबू तहसील में पदस्थ हैं। लेकिन अब तक किसी अफसर ने ध्यान ही नहीं दिया।
बीते माह कलेक्टर सौरभ कुमार ने आदेश जारी कर लंबे समय से एक ही विभाग में पदस्थ लिपिकों की सूची बनाने के निर्देश दिए थे। तब पता चला कि स्कूल विभाग के कुछ बाबू तहसील में काम कर रहे हैं। बिलासपुर तहसील में अभी सहायक ग्रेड दो और सहायक ग्रेड तीन के पांच-पांच पद हैं। यह सभी पद में स्टाफ नियुक्त हैं। ऐसे में कर्मचारियों की जरूरत पड़ने का दावा नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में भी बिलासपुर तहसील में शिक्षा विभाग के पांच-पांच बाबूओं यहां काम कर रहे हैं। इसके बारे में न तो शिक्षा विभाग को इससे मतलब है और न ही तहसील के अफसरों ने इसे अब तक संज्ञान में लिया है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने आदेश जारी एक ही टेबल पर जमे रहने वाले बाबूओं को बदलने का आदेश जारी किया था। मंशा साफ थी कि टेबल पर बाबूओ को तबादले से काम में पारदर्शिता आएगी। यहां तो विभाग का मामला है। तहसील में पर्याप्त कर्मचारियों के रहते हुए भी शिक्षा विभाग के बाबूओं को क्यों संलग्न रखा गया है। जिन बाबूओं को शिक्षा विभाग के काम निपटाना था वह पक्षकारों को पेशी की तारीख देने का काम कर रहे हैं।
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