कबीर बुनकर एवं विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित हुए बुनकर


भोपाल ,28 नवम्बर 2022 /
शुक्रवार को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा हावकरण बुनाई के लिये राज्य स्तरीय कबीर बुनकर पुरस्कार 2020-21 एवं 2021-22 तथा उत्कृष्ट हस्तशिल्प के सृजन के लिये राज्य स्तरीय विश्वकर्मा पुरस्कार 2021-22 सम्मान समारोह किया गया। भोपाल हाट में समारोह की अध्यक्षता पद्मश्री श्रीमती कुर्णा बाई ने की, जबकि मुख्य अतिथि शिरसरतात प्राप्त श्रीमती लता मुंशी रही। शिल्पियों को सम्मान स्वरूप शॉल, प्रमाण-पत्र, ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान आयुक्त हाथकरघा – सह-प्रबंध संचालक संत रविदास म.प्र. हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम भोपाल श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि शिल्पियों और बुनकरों की पुरस्कृत कृतियों की प्रदर्शनी भी समारोह-स्थल पर लगाई जायेगी। उन्होंने बताया कि 6 बुनकरों तथा 6 शिल्पियों को सम्मानित किया गया है। वर्ष 2020-21 का कबीर बुनकर प्रथम पुरस्कार चंदेरी के श्री वसीम मोहम्मद आत्मज श्री शकील मोहम्मद, द्वितीय पुरस्कार चंदेरी की श्रीमती रेखाबाई कोली पति श्री जनकलाल कोली एवं तृतीय पुरस्कार महेश्वर के श्री मूलचंद श्रवणेकर आत्मज श्री कन्हैयालाल को दिया गया। वर्ष 2021-22 का कबीर बुनकर प्रथम पुरस्कार चंदेरी के मोहम्मद वसीम आत्मज श्री शहादत मोहम्मद, द्वितीय पुरस्कार बागोर जिला शिवपुरी के श्री महेश कोली आत्मज श्री यमलाल कोली, तृतीय पुरस्कार चंदेरी के श्री राजू पंथी आत्मज श्री सनमान पंथी को दिया गया। प्रथम पुरस्कार के लिये एक लाख रूपये, द्वितीय पुरस्कार के लिये 50 हजार रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के लिये 25 हजार रूपये के चेक प्रदान किये गये।

इसी प्रकार हस्तशिल्प के लिये वर्ष 2021-22 का विश्वकर्मा प्रथम पुरस्कार उज्जैन के मोहम्मद अहसान छीपा आत्मज श्री सोपा, द्वितीय पुरस्कार भोपाल के श्री हीरामन उवती आत्मज श्री बाबूलाल उवती एवं तृतीय पुरस्कार भोपाल के श्री धर्मेन्द्र रोहर आत्मज श्री लेखराम रोहर को दिया गया। इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन श्रेणी में 3 पुरस्कार श्री हयात गुट्टी आत्मज श्री सिद्दीक गुट्टी, श्री इकबाल आत्मज श्री हसत बड़वाला एवं श्री बनवारीलाल झारिया आत्मज श्री पुरुषोत्तम झारिया को दिये गये। प्रथम पुरस्कार के लिये राशि रूपये एक लाख, द्वितीय पुरस्कार के लिये राशि रूपये 50 हजार एवं तृतीय पुरस्कार के लिये 25 हजार रूपये की राशि दी गई। प्रोत्साहन स्वरूप चयनित शिल्पियों को 15-15 हजार की राशि प्रदान की गई।


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