कांग्रेस- भाजपा का ट्रेनिंग टेस्ट मैच सफल रहा

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-हेमन्त जोशी

कांग्रेस- भाजपा अनुसूचित जाति वर्ग के साथ लंबे अरसों से टेस्ट मैच खेल रहा था जिसका परिणाम घोषित हो चुका है । सर्वप्रथम मैं विजेता विशेष वर्गों  (आरक्षण बढ़ोतरी) को मै धन्यवाद देता हूँ, साथ ही मैं  विशेष रूप से आरक्षण कटौती होते रहे रहने पर भी अनुसूचित जाति वर्ग जो संतोषप्रद महसूस कर रहे है और करते आते रहेगें उसे भी मैं पुनः एक बार शुभकामनाएँ देता हूँ। कांग्रेस भाजपा सरकार हमेशा चचेरा मौसेरा भाई-भाई है । दोनों की सरकार आपस  में अनुसूचित जाति वर्ग को गुलाम बनाए  रखना चाहती  है । सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के साथ हमेशा टेस्ट मैंच खेलते रहेंगे और अपनी सरकार चलाते हुए  दलितों का  शोषण करते रहेंगे । कांग्रेस सरकार पूर्व योजनाबद्ध तरीके  से सोंच  रखा था कि  सवर्ण कहे जाने वाले सवर्णों को अनुसूचित जाति (विशेषकर सतनामियों से) इसे आगे कैसे लाए  कि  अनुसूचित जाति वर्ग विशेष अपने पूर्व कायों की ओर लौटे और इसे गुलाम बनाया जा सके। क्योंकि अनुसूचित जाति (सतनामी) ही एक मात्र ऐसा वर्ग हैं जो खुलकर ब्राम्हणवादी विचारधारा, पंडा, पुजारियों का विरोध करता है। इनसे किसी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक कायों में सहयोग न लेकर प्रत्यक्ष रूप से विरोध करता है । जो कांग्रेस, भाजपा व संकुचित ब्राह्मणवादी  विचारधारा को हमेशा खटकता रहा है, इसलिए इसे एक अच्छा मौका/बहाना मिला जनसंख्या के आधार पर आरक्षण । जहाँ तक मुझे पता है संविधान जनसंख्या के आधार पर आरक्षण नहीं देता बल्कि सामाजिक आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण देता है । हम किसी भी जाति को दिए  आरक्षण का विरोध नहीं कर रहें, लेकिन किसी विशेष वर्ग को लाभ पहुँचाने के लिए सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े दूसरे वर्ग का आरक्षण को कम किया है उसका हम विरोध करते है । गरीब सवर्ण जिनकी जनसंख्या छत्तीसगढ़ राज्य में कितना है जो उसे 4 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए हाईकोट के आदेश के विरूद्ध जाकर 50 प्रतिशत के दायरे  को पार कर 76 प्रतिशत करने जा रहा है। यदि 50 प्रतिशत के  लाइन  को पार कर ही रहे है तो उसे 79 प्रतिशत भी कर सकते हो, लेकिन आप वैसा नहीं करेगें क्योंकि आपको अच्छी तरह से पता है कि अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व करने वाला/वाली राजनेता, बड़े कर्मचारी, गुरूओं  को आप सत्ता  के गुलाम बना कर रखे  है जो  भौंकते  नहीं मुखबधिर बना रहता है। उसके सामने जिस ओर रोटी के टुकड़ा फेकेंगे वह उस ओर आयेगा। ऐसे लोगों को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति समाज वर्ग से पूर्ण रूप से चप्पल की माला पहनाकर सम्मान पूर्वक सामाजिक बहिष्कार कर इनके परिवार संगा संबंधियों से भी पूर्ण रूप से सामाजिक रोटी-बेटी, लेनदेन, बातचीत पूर्ण रूप से बंद करने की जरूरत है। तभी अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले सुधरेंगे, तब जाकर हमारा व हमारे आने वाला पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रह सकता है।


 
 

 

 

 

(लेखक हेमन्त जोशी मानवविज्ञान  विभाग पं. रविशकर शुक्ल वि.वि. रायपुर  से पीएचडी  शोधार्थी  है .)

 


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