कच्छ में AAP प्रत्याशी ने दिया पार्टी से इस्तीफा
अहमदाबाद,28 नवम्बर 2022\ गुजरात विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे कर रही आम आदमी पार्टी को मतदान से पहले करारा झटका लगा है. कच्छ जिले की अबडासा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी वसंत वलजीभाई खेतानी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है. खेतानी ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा देते हुए जनता से बीजेपी उम्मीदवार प्रद्युमन सिंह जडेजा को जीताने की अपील की.
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान 2 चरणों में 1 और 5 दिसंबर को होंगे. कच्छ में पहले चरण में मतदान होगा. कच्छ में 6 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें पाकिस्तान की सीमा से लगे अबडासा, भुज और रापर के अलावा मांडवी, अंजार और गांधीधाम शामिल हैं. बीजेपी ने 2017 में 4 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने रापर और अबडासा में जीत हासिल की थी, लेकिन अबडासा से विधायक ने 2020 में पार्टी छोड़ दी और बाद में बीजेपी के टिकट से चुनाव जीता था. आम आदमी पार्टी (AAP) कच्छ की सभी 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे , जिसमें अबडासा प्रत्याशी बीजेपी के पाले में चला गया.
केजरीवाल का दावा- गुजरात में आप की बनेगी सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को लिखित में दावा किया कि ‘आप’ आगामी विधानसभा चुनाव में गुजरात में सरकार बनाएगी. सूरत में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए की गई उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई और गुजरात में भी ऐसा ही होगा.
31 जनवरी तक पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा
केजरीवाल ने इसी के साथ एक बड़ी घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही हम 31 जनवरी तक पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर देंगे. दिल्ली के सीएम ने आगे गुजरात के सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि वे सारे इकठ्ठे होकर आम आदमी पार्टी को वोट दें, तभी उनकी सारी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा.
इसबार त्रिकोणीय मुकाबला
गुजरात में इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 99 सीट हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थी. बीजेपी ने अधिकतर शहरी क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया था. ‘आप’ जिसने 2017 के चुनावों में 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए थे, लेकिन तब वह अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी. इस बार बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद में ‘आप’ सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रही है.