बाली,16 नवम्बर 2022\ इंडोनेशिया ने बुधवार को आज G20 समिट के और अंतिम भारत को अगली समिट की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी है. भारत नई दिल्ली में आगमी होने वाली G-20 ग्रुप के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार को जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि जी-20 नेता अगले 10 वर्षों में हर इंसान के जीवन में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ लाने के लिए काम करने का संकल्प लें, ताकि कोई भी व्यक्ति नई प्रौद्योगिकियों के लाभ से वंचित न रहे. PM ने कहा, ‘डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन (डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुकूल ढलने के लिए बदलाव) कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए और इसका अधिक लाभ तभी मिल सकता है, जब इसकी पहुंच को वास्तव में समावेशी बनाया जाए. इंडोनेशिया के बाली में आज सम्मलेन का आज आखिरी दिन है.
प्रधानमंत्री ने डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन पर आयोजित एक सत्र में कहा कि आगामी वर्ष में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान विकास के लिए डेटा के इस्तेमाल को मुख्य रूप से महत्व दिया जाएगा. मोदी ने बताया कि भारत ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुसार किस प्रकार स्वयं को ढाला है. उन्होंने कहा कि देश ने ऐसे डिजिटल सार्वजनिक उत्पाद विकसित किए हैं, जिनकी बुनियादी संरचना में लोकतांत्रिक सिद्धांत अंतर्निहित हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि अधिकतर विकासशील देशों के नागरिकों की कोई डिजिटल पहचान नहीं है.
PM मोदी ने कहा कि पिछले कुछ साल में भारत के अनुभव ने दिखाया है कि यदि डिजिटल बुनियादी ढांचे को व्यापक स्तर पर सुलभ बनाया जाए, तो इससे सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा, डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुकूल ढलना हमारे युग का सबसे उल्लेखनीय बदलाव है. डिजिटल प्रौद्योगिकी का उचित इस्तेमाल गरीबी के खिलाफ दशकों से जारी वैश्विक लड़ाई में बहुत मददगार हो सकता है. उन्होंने कहा, डिजिटल समाधान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी मददगार हो सकते हैं, जैसा कि हमने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कार्यालय में उपस्थित न होते हुए भी काम करने की सुविधा और कागजरहित हरित कार्यालयों जैसे उदाहरणों में इस बात को साबित होते देखा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लाभ तभी लिए जा सकेंगे, जब डिजिटल पहुंच वास्तव में समावेशी बनेगी और डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल वास्तव में व्यापक होगा. उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से, अभी तक हमने इस शक्तिशाली उपकरण को लाभ-हानि के बही-खातों में बांधे रखकर साधारण व्यापार की कसौटी से ही इसे देखा है. PM मोदी ने कहा, यह हम जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन के लाभ कुछेक लोगों तक सीमित नहीं रहें. उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल पहुंच को सार्वजनिक बना रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब भी बड़ा डिजिटल अंतर है.
पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से शासन में गति एवं पारदर्शिता लाई जा सकती है. मोदी ने कहा, भारत ने डिजिटल सार्वजनिक उत्पाद विकसित किए हैं जिनकी बुनियादी संरचना में लोकतांत्रिक सिद्धांत अंतर्निहित हैं. ये समाधान खुले स्रोत, खुले एपीआई, खुले मानकों पर आधारित हैं, जो अंतर-संचालित और सार्वजनिक हैं.
पीएम मोदी ने कहा, हमारा यह दृष्टिकोण भारत में आ रही डिजिटल क्रांति पर आधारित है. उदाहरण के लिए, हमारे ‘यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस'(यूपीआई) को ले लीजिए. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल दुनिया के 40 प्रतिशत से अधिक लेन देन यूपीआई के माध्यम से हुए.
पीएम उन्होंने कहा, इसी तरह, हमने डिजिटल पहचान के आधार पर 46 करोड़ नए बैंक खाते खोले, जिससे आज भारत वित्तीय समावेशिता के मामले में वैश्विक नेता बन गया है. हमारे मुक्त स्रोत कोविन मंच ने मानव इतिहास में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया, जो महामारी के दौरान भी सफल रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतर विकासशील देशों के नागरिकों की कोई डिजिटल पहचान नहीं है. उन्होंने कहा, केवल 50 देशों के पास डिजिटल भुगतान प्रणालियां हैं. क्या हम मिलकर यह संकल्प ले सकते हैं कि आगामी 10 साल में हम हर मनुष्य को डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुरूप ढालेंगे , ताकि कोई भी व्यक्ति इसके लाभों से वंचित न रह जाए. मोदी ने कहा, भारत अगले साल जी-20 की अपनी अध्यक्षता में इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपने जी-20 साझेदारों के साथ मिलकर काम करेगा. ‘विकास के लिए डेटा’ का सिद्धांत हमारी अध्यक्षता के मूल विषय ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का अहम हिस्सा होगा.
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