नई दिल्ली,14 नवम्बर 2022\ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने जवाहर लाल नेहरू की जयंती के मौके पर पूर्व पीएम से जुड़ा एक रोचक किस्सा साझा किया है। काटजू ने अपने दोस्त के हवाले से यह किस्सा सुनाया है, जिसमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र उद्दंडता के आरोप में नाम काटे जाने पर सीधे तीन मूर्ति भवन जाकर नेहरू से मिलते हैं। दरअसल यह किस्सा सन् 1950 का है। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुछ छात्रों ने कई मामलों पर विरोध करते हुए राज्यपाल के गले में जूतों की माला डाल दी थी। इस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन्हें निष्कासित कर दिया था। छात्रों को जब यह पता चला तो वह सीधे नेहरू के घर की ओर रुख कर गए।
यूनिवर्सिटी से निष्कासित छात्रों ने सीधे दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ ली। टिकट लिया नहीं था और बीच में टीटीई से भेंट हो गई। टीटीई ने टिकट पूछा तो छात्रों का जवाब था कि हम प्राइम मिनिस्टर के क्षेत्र के रहने वाले हैं। यहां से भाग जाओ। टीटीई ने इसके बाद दोबारा उनसे कोई सवाल नहीं किया। इसके बाद अगली सुबह छात्र दिल्ली पहुंचे और सीधा तीन मूर्ति भवन पहुंचे, जहां नेहरू रहते थे। वह जब घर में घुसना चाहते थे तो सुरक्षाकर्मियों ने उनसे अपॉइंटमेंट की बात पूछी। यहां भी छात्रों का वही रवैया था, बोले- हम प्राइम मिनिस्टर के क्षेत्र के हैं। हमें अपॉइंटमेंट वपॉइंटमेंट की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी जब उन्हें एंट्री नहीं मिली तो उन्होंने बाहर ही हंगामा शुरू कर दिया।
यह खबर जब पंडित नेहरू तक पहुंची तो उन्होंने छात्रों को अंदर भेजने को कहा। स्टूडेंट्स को अंदर लाया गया है और उन्हें एक हॉल में बिठाया गया। उनके सामने बड़े पैमाने पर ड्राई फ्रूट्स नाश्ते की टेबल पर रखे थे। उन्होंने कुछ खाया और कुछ जेब में भर लिया ताकि बाद में काम आए। कुछ ही मिनटों में हॉल में नेहरू की एंट्री होती है तो और वह चिल्लाकर बोलते हैं, जाओ पढ़ो। इस पर छात्र बोले, कहां पढ़ें साहब? हमारा नाम काट दिया गया है? नेहरू फिर बोलते हैं, पढ़ो-पढ़ो। छात्र कुछ समझ नहीं पाते हैं, लेकिन वापस इलाहाबाद की ट्रेन पकड़ लेते हैं।
जब अगली सुबह एक स्टेशन पर छात्रों को मिली खबर
रात की ट्रेन से निकले छात्र अगली सुबह फतेहपुर पहुंचते हैं। रेलवे स्टेशन पर गाड़ी रुकने के बाद एक छात्र नीते उतरता और एक अखबार खरीदा तो देखा कि उसमें खबर लगी है कि नेहरू के पास गए छात्रों का निष्कासन वीसी ने खत्म कर दिया। यानी नेहरू ने तत्काल वीसी को अपने सेक्रेटरी से फोन कराया था और उन छात्रों का निष्कासन तत्काल कैंसिल कर दिया गया था।
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