सतत विकास एक सतत प्रक्रिया है : डॉ. पटेरिया


रायपुर, 14 नवंबर 2022।

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 12 एवं 13 नवंबर 2022 को अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का विषय सतत् विकास चुनौतियां और संभावनाएं पर था। जिसके मुख्य अतिथि

प्रोफेसर ललित प्रकाश पटेरिया, कुलपति, शहीद नदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ (छ.ग.) थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. के. बीदास पूर्व कुलपति, फकीर मोहन विश्वविद्यालय बालासोर (उड़ीसा) उपस्थित थे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. केशरी लाल वर्मा, कुलपति, पं. रविशंकार शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.) ने की। मुख्य अतिथि डॉ पटेरिया ने सतत विकास के चुनौतियों और उनके सभावनाएं पर अपना व्याख्यान्न दिया । उन्होंने बताया कि सतत विकास समय संख्या के रूप में नहीं मापना चाहिए बल्कि सतत विकास एक सतत प्रक्रिया है जो संसाधनों के संतुलित उपयोग पर निर्भर करती है। विशिष्ट अतिथि ने भी भारत में सतत विकास तीन मुख्य पहलुओं पर अपना विचार रखे जिसमे समाज, बाजार और पर्यावरण को साथ जोड़कर सतत विकास के बारे में बताया। सेमिनार के प्रथम दिवस में तीन तकनीकी सत्र संपन्न हुए जिनके मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. पी. के. घोष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज (उत्तरप्रेदश), प्रो. एस. के. मिश्रा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन (मध्यप्रदेश) ने अपने विचार रखे एवं अन्य राज्यों से आए विषय विशेषज्ञों के रूप में प्रो. एन. पी. पाठक, एपीएस विश्वविद्यालय रीवा (मध्यप्रदेश), प्रो. एस. एन. चतुर्वेदी वाराणसी (उत्तरप्रदेश) एवं डॉ राजकुमार नागवंशी, अमरकंटक (मध्यप्रदेश) साथ ही 70 शोध छात्र-छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार के द्वितीय दिवस में 2 तकनीकी सत्र संपन्न हुए। जिनके मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. हनुमन्त यादव, रायपुर (छ.ग.). प्रो. जे एल भारद्वाज रायपुर (छ.ग.) ने अपने विचार रखे साथ ही 80 शोध छात्र-छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सेमिनार के समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. ए. डी. एन. वाजपेयी, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छ.ग.) के उपस्थिति में हुआ। जिन्होंने अपने व्याखान्न में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपभोगवादी संस्कृति और पर्यावरण के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए विकास के साथ दर्शनवादी संस्कृति को अपनाने पर बल दिया एवं अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. केशरी लाल वर्मा, कुलपति, पं. रविशंकार शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छ.ग.) ने सेमिनार के आयोजकों को बधाई देते हुए सतत विकास के गुणों एवं देश में उनकी उपयोगिता के बारे में बताये। कार्यक्रम में विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रविन्द्र बहो, आयोजक डॉ. अर्चना सेठी, सचिव डॉ. सुनील कुमेटी एवं विभाग के शिक्षक एवं अन्य महाविद्यालय के शिक्षकगण प्रो. आर प्रसाद, प्रो. बी. एल. सोनेकर, डॉ. वी. के. जोशी, डॉ. लखन चौधरी, डॉ. भूमिराज पटेल, डॉ. भारती कुमेटी डॉ. शशिकिरण कुजूर, डॉ. हंसराज ठाकुर, डॉ. अंशुमाला, डॉ. फिरोज सोनवानी, डॉ. ओमप्रकाश बघेल, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. विनीत साहू डॉ. प्रवीण चन्द्राकर, प्रगति किशनन साथ ही अन्य शिक्षक तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।


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