भाटापारा,08 अक्टूबर 2022 /
भाटापारा- देखते हैं। करते हैं। कर रहे हैं। बहुत जल्द होगी पदस्थापना। अब ताजा जवाब, प्रक्रिया चालू की जा चुकी है। ऐसी बातें सुनते-सुनते 5 साल बीत गए लेकिन नहीं मिले टीचर। फलस्वरूप रामसागर पारा पूर्व माध्यमिक विद्यालय, हेडमास्टर को मिलाकर महज तीन टीचर के भरोसे चल रहा है। नई योजना के बीच स्कूलें, जिस तरह प्रयोगशाला में बदल रही हैं, उसकी मिसाल है, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामसागरपारा। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल से जोड़ने के प्रयासों के बाद इस स्कूल में भी दर्ज संख्या साल-दर-साल बढ़त ले रही है लेकिन जिस अनुपात में शिक्षक होने चाहिए उसे लेकर न खंड शिक्षा विभाग को चिंता है, ना जिला शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा है। फलतः जैसे-तैसे करके अध्ययन-अध्यापन का काम चल रहा है। 6 टीचर की कमी
शा. पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामसागर पारा। दर्ज संख्या 275। मानक के अनुसार हेडमास्टर को मिलाकर आठ टीचर होना चाहिए लेकिन कुल जमा संख्या 3 पर आकर अटकी हुई है। विडंबना यह है कि गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों के टीचर, हैं ही नहीं। महज हिंदी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों के भरोसे कैसे गुणवत्ता कायम रखी जाती होगी? यह सवाल जिम्मेदार अधिकारियों से पूछे जा रहे हैं।
इसलिए यह व्यवस्था
जिन विषयों के टीचर नहीं हैं, उनकी पढ़ाई के लिए स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त 3 बेरोजगार युवक और युवतियों की व्यवस्था की है। बाकायदा समन्वयक की अनुमति से चल रही यह व्यवस्था, दर्ज संख्या के अनुपात में टीचर की तैनाती के दावों की पोल ही खोलती है क्योंकि खंड शिक्षा क्षेत्र की कई स्कूलों में ऐसी ही व्यवस्था की गई है।
सदाबहार जवाब
नियमित भेजी जाने वाली जानकारी में स्कूल प्रबंधन बाकायदा दर्ज संख्या के अनुपात में टीचरों की मांग करता है। जिस पर, देखेंगे। करते हैं। कर रहे हैं। बहुत जल्द होगी पदस्थापना और प्रक्रिया चालू कर दी गई है, जैसे जवाब मिलते हैं। यह सदाबहार जवाब पिछले 5 साल से मिल रहे हैं लेकिन नतीजा शून्य ही है। होगी पदस्थापना, इसकी उम्मीद भी अब नहीं करता स्कूल प्रबंधन।
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