बारदाने को पलट कर मार्का लगाना समितियों पर आर्थिक बोझ है

0

रायपुर 5 नवंबर 2022/

न्यूनतम समर्थन मूल्य में किसानों से धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से सभी सहकारी समितियों में 01 नवम्बर से शुरुआत हो गई है। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी किसानों को अपनी उपज बेचने नए एवं पुराना बारदाना दी जा रही है। जिसमें समिति अपना मार्का लगाकर बारदाने को चिन्हित करती है। लेकिन इस वर्ष नये बारदानों में जिसमें एक ओर खाद्य विभाग का सरकारी मार्का लगा हुआ है उसे पलट कर समिति का मार्का लगाने की तुगलकी फरमान खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर द्वारा जारी किया गया है जो समितियों के ऊपर आर्थिक बोझ लादने वाली है।


छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों तेजराम विद्रोही, जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू किसान भुगतान संघर्ष समिति के सदस्यगण अजय साहू, बृजेश कुमार, सुरेश कुमार, मोतीलाल भोई, टिकेश्वर प्रधान आदि ने कहा कि सहकारी समितियां किसानों की हिस्सेदारी से संचालित होती है। समिति का नफा और नुकसान किसानों की है। अब तक नये बारदानों में एक तरफ खाद्य विभाग का मार्का और दूसरे तरफ धान उपार्जन केंद्र व समिति का मार्का लगाकर खरीदी होती रही है लेकिन इस साल खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को तुगलकी फरमान जारी कर बारदाने को पलट कर उपार्जन केन्द्र समिति का मार्का लगाने कहा गया जिससे किसानों को बारदाना वितरण में देरी हो रही है, मजदूरी के रूप में अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रही है। किसान नेताओं ने सरकार से मांग किया है कि इस तुगलकी फरमान को वापस लिया जाये या फिर बारदाना पलटकर मार्का लगाने के एवज में 20 रुपये प्रति बारदाना की दर से शासन द्वारा समितियों को भुगतान किया जाये ताकि समितियों और किसानों को कोई आर्थिक बोझ न पड़े।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें