नई दिल्ली,04 अक्टूबर 2022 /
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के दौरान एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पायलट को अश्वासन दिया था कि एक बार चुनाव संपन्न हो जाने के बाद राजस्थान का मसला सुलझाया जाएगा। कांग्रेस का राजस्थान संकट भले ही इन दिनों सुर्खियों में न हो लेकिन अंदर ही अंदर काफी हलचल मची हुई है। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट चाह कर भी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे के तहत कांग्रेस का नया नेतृत्व हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनावों में लगा है और पायलट के कहने के बावजूद उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हाल ही में पायलट ने कहा था कि कांग्रेस के नए नेतृत्व को राजस्थान का मुद्दा जल्द सुलझाना चाहिए। पायलट का इशारा खुद को सीएम बनाने की ओर था। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के दौरान एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पायलट को अश्वासन दिया था कि एक बार चुनाव संपन्न हो जाने के बाद राजस्थान का मसला सुलझाया जाएगा।
पार्टी तुरंत गहलोत को हटाना नहीं चाहती
सचिन पायलट को सीएम बनाने का मतलब है कि अशोक गहलोत को किनारे करना होगा। लेकिन कांग्रेस का नया नेतृत्व ऐसा करने से बचना चाहता है। इसकी एक वजह गुजरात विधानसभा चुनाव है। पायलट की उड़ान पर ब्रेक लगाने का सीधा संबंध गुजरात चुनाव अभियान में गहलोत की अहम जिम्मेदारी से है। गहलोत को कांग्रेस ने गुजरात चुनाव की अहम जिम्मेदारी है जिसके चलते राजस्थान सीएम पिछले दिनों भाजपा शासित प्रदेश में कई रैलियां भी कर चुके है। चुनाव से पहले कांग्रेस गहलोत को हटाकर उनकी नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है।
भारत जोड़ो यात्रा, गुजरात चुनाव के चलते कड़ा कदम उठाने से पीछे हट रही
ऐसा प्रतीता हो रहा है कि कांग्रेस विधानसभा चुनावों से ज्यादा राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा को तवज्जो दे रही है। विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा और गुजरात चुनावों के बीच राजस्थान संकट को फिर से हवा नहीं देना चाहती है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि जब तक भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान से नहीं गुजर जाती है, तब तक वहां कुछ भी “अस्थिर” करने का पार्टी का इरादा नहीं है। पार्टी के कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान पहुंचने वाली है। यात्रा दूसरे राज्य में जाने से पहले, राजस्थान में 15-20 दिनों तक जारी रहेगी। इसके अलावा गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी कड़ा कदम नहीं उठाना चाहती है।
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