अनिल अंबानी की कंपनी पर क्यों बढ़ा कर्ज का बोझ, रिपोर्ट में खुलासा


नई दिल्ली, 29 अक्टूबर 2022 /
दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत नियुक्त रिलायंस कैपिटल के प्रशासक ने कंपनी के लेनदेन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए लेनदेन ऑडिटर बीडीओ इंडिया एलएलपी से सहायता ली है। कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल को लेकर एक अहम रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस कैपिटल द्वारा समूह ने अपनी अलग-अलग इकाइयों को वित्त वर्ष 2019-20 में खूब लोन बांटे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज बांटने के चक्कर में रिलायंस कैपिटल पर 1,755 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय बोझ पड़ा है।
दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को सौंपी गयी लेनदेन ऑडिटर की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बता दें कि दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 के तहत नियुक्त रिलायंस कैपिटल के प्रशासक ने कंपनी के लेनदेन से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए लेनदेन ऑडिटर बीडीओ इंडिया एलएलपी से सहायता ली है।
रिलायंस कैपिटल के मुताबिक लेनदेन ऑडिटर की टिप्पणियों के आधार पर प्रशासक ने 22 अक्टूबर को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के समक्ष कुल सात कंपनियों को भुगतान के संबंध में आवेदन दायर किया है।

किसे किसे दिए लोन: रिपोर्ट की मानें तो रिलायंस एंटरटेनमेंट नेटवर्क को 1,142.08 करोड़ रुपये , रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज को 203.01 करोड़ रुपये, रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट (आरबीईपीएल) को 162.91 करोड़ रुपये, रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क 13.52 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं, रिलायंस अल्फा सर्विसेज को 39.30 करोड़ रुपये और जैपक डिजिटल एंटरटेनमेंट (जपाक) को 17.24 करोड़ रुपये के कर्ज का असर भी रिलायंस कैपिटल पर पड़ा है।


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